दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016
अध्याय -15
दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि
88. दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि –
(1) राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि नामक एक निधि का ऐसी रीति में, जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाए, गठन किया जाएगा।
(2) दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि का उपयोग और प्रबंध ऐसी रीति में किया जाएगा, जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाए।
(3) प्रत्येक राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए निधि, जिसके अंतर्गत आय और व्यय लेखे भी हैं, के उचित लेखे और अन्य सुसंगत अभिलेख ऐसी रीति में रखेगी. जो राज्य सरकार द्वारा भारत के नियंत्रक – महालेखापरीक्षक के परामर्श से विहित किए जाएं।
(4) दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि के लेखाओं की संपरीक्षा भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा ऐसे अंतरालों पर की जाएगी, जो उसके द्वारा विहित किए जाएं और ऐसी संपरीक्षा के संबंध में उसके द्वारा उपगत व्यय का संदाय भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक को राज्य निधि से किया जाएगा।
(5) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक और दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि के लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में उसके द्वारा नियुक्त किए गए किसी व्यक्ति को उस संपरीक्षा के संबंध में वही अधिकार, विशेषाधिकार और प्राधिकार होंगे, जो सरकारी लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को प्राप्त होते हैं और विशेष रूप से लेखा बहियों, संबंद्ध वाउचरों तथा अन्य दस्तावेजों और कागज पत्र पेश करने की मांग करने तथा राज्य निधि के कार्यालयों का निरीक्षण करने का अधिकार होगा।
(6) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक या दिव्यांगजनों के लिए राज्य निधि के लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में उसके द्वारा नियुक्त किए गए किसी अन्य व्यक्ति द्वारा यथा प्रमाणित राज्य निधि के लेखे उस पर संपरीक्षा रिपोर्ट के साथ राज्य विधान-मंडल के प्रत्येक सदन के, जहां वह दो सदनों से मिलकर बना है या जहां ऐसे विधान-मंडल में एक सदन है, उस सदन के समक्ष रखे जाएंगे।