मानव विकास के सैद्धांतिक दृष्टिकोण
🌿 भूमिका (Introduction)
मानव विकास को समझने के लिए केवल यह जानना काफी नहीं कि बच्चे में परिवर्तन होता है — बल्कि यह समझना भी ज़रूरी है “क्यों और कैसे ये परिवर्तन होते हैं”।
इसी प्रश्न का उत्तर देते हैं — विकास के सिद्धांत (Theories of Human Development)।
कई मनोवैज्ञानिकों ने समय-समय पर ऐसे सिद्धांत प्रस्तुत किए जिन्होंने विकास की दिशा और प्रक्रिया को समझने में गहरी भूमिका निभाई।
इस यूनिट में हम पाँच प्रमुख दृष्टिकोण पढ़ेंगे:
- Psychodynamic Theories (मनोविश्लेषणात्मक दृष्टिकोण)
- Behaviourist Theories (व्यवहारवादी दृष्टिकोण)
- Humanistic & Social Theories (मानवतावादी और सामाजिक सिद्धांत)
- Cognitive Theory (संज्ञानात्मक दृष्टिकोण)
- Ecological Theory (पारिस्थितिक दृष्टिकोण)
🟡 2.1 Psychodynamic Theories (मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत)
Psychodynamic दृष्टिकोण का केंद्र बिंदु है — आंतरिक भावनाएँ, अवचेतन मन (unconscious mind) और प्रारंभिक अनुभवों का व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास पर प्रभाव।
इस दृष्टिकोण के दो मुख्य सिद्धांतकार हैं — सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud) और एरिक एरिकसन (Erik Erikson)।
📘 2.1.1 Sigmund Freud’s Psychoanalytic Theory
(सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“फ्रायड के अनुसार, मनुष्य का व्यवहार और व्यक्तित्व प्रारंभिक बाल्यावस्था के अनुभवों और अवचेतन मन द्वारा नियंत्रित होता है।”
— (Sigmund Freud)
🧠 सिद्धांत के मुख्य घटक:
1. व्यक्तित्व के तीन घटक (Structure of Personality):
| घटक | कार्य | विशेषता |
|---|---|---|
| Id | मूल प्रवृत्तियाँ (instincts) | आनंद सिद्धांत पर कार्य करता है |
| Ego | यथार्थ से संपर्क | वास्तविकता के अनुसार निर्णय |
| Superego | नैतिक मूल्य | सही और गलत का निर्णय |
👉 उदाहरण: बच्चा मिठाई चाहता है (Id), समझता है कि उसे बाद में मिलेगी (Ego), और सोचता है चोरी करना गलत है (Superego)।
2. मनो-यौन चरण (Psychosexual Stages):
| चरण | आयु | केंद्र | विशेषता |
|---|---|---|---|
| ओरल (Oral) | 0–1 वर्ष | मुँह | दूध पीना, चूसना |
| एनल (Anal) | 1–3 वर्ष | मलाशय | शौच नियंत्रण |
| फालिक (Phallic) | 3–6 वर्ष | जननेंद्रिय | पहचान |
| लेटेंसी (Latency) | 6–12 वर्ष | — | सामाजिक संतुलन |
| जेनिटल (Genital) | 12 वर्ष+ | यौन परिपक्वता | आत्मनिर्भरता |
📌 फ्रायड का मानना था कि अगर किसी चरण में बाधा आए तो व्यक्ति में व्यवहार संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
🧑🏫 शिक्षक के लिए महत्व:
- शिक्षक को समझना चाहिए कि बच्चे का व्यवहार केवल “दिखने वाली बात” नहीं, बल्कि उसके अवचेतन मन का भी प्रभाव होता है।
- शुरुआती अनुभव बच्चे के भविष्य पर असर डालते हैं।
- संवेदनशील और सहयोगात्मक शिक्षण वातावरण बनाना चाहिए।
📘 2.1.2 Erikson’s Psychosocial Theory
(एरिकसन का मनोसामाजिक सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“एरिकसन के अनुसार, जीवन के हर चरण में व्यक्ति एक सामाजिक संघर्ष (psychosocial conflict) से गुजरता है, जिसे हल करने से विकास होता है।”
— (Erik Erikson)
🧭 एरिकसन के आठ चरण (Eight Stages of Psychosocial Development):
| चरण | आयु | संघर्ष | सकारात्मक परिणाम |
|---|---|---|---|
| 1 | 0–1 वर्ष | विश्वास बनाम अविश्वास | सुरक्षा की भावना |
| 2 | 1–3 वर्ष | स्वायत्तता बनाम संदेह | आत्मनिर्भरता |
| 3 | 3–6 वर्ष | पहल बनाम अपराधबोध | साहस |
| 4 | 6–12 वर्ष | दक्षता बनाम हीनभावना | योग्यता |
| 5 | 12–18 वर्ष | पहचान बनाम भ्रम | आत्म-पहचान |
| 6 | 18–40 वर्ष | निकटता बनाम अलगाव | संबंध |
| 7 | 40–60 वर्ष | उत्पादकता बनाम ठहराव | समाज में योगदान |
| 8 | 60+ वर्ष | अखंडता बनाम निराशा | संतोष |
👉 उदाहरण: जब बच्चा स्कूल में कुछ नया सीखता है और उसे प्रशंसा मिलती है, तो उसमें आत्मविश्वास आता है (Industry vs Inferiority Stage)।
🧑🏫 शिक्षक के लिए सीख:
- बच्चों में विश्वास और सुरक्षा का माहौल बनाना।
- प्रोत्साहन और सहयोग देना।
- हर चरण में भावनात्मक ज़रूरतों को समझना।
🟡 2.2 Behaviourist Theories (व्यवहारवादी सिद्धांत)
व्यवहारवादी सिद्धांत यह मानता है कि व्यवहार सीखा जाता है — और इसे उत्तेजना (stimulus) और प्रतिक्रिया (response) के माध्यम से बदला जा सकता है।
📘 2.2.1 Ivan Pavlov’s Classical Conditioning Theory
(पैवलॉव का शास्त्रीय अनुबन्धन सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“सीखना उत्तेजना और प्रतिक्रिया के बीच बने संबंध का परिणाम है।”
— (Ivan Pavlov)
👉 Pavlov ने अपने प्रसिद्ध कुत्ते के प्रयोग में दिखाया कि घंटी की आवाज़ सुनकर भी कुत्ता लार टपकाने लगा क्योंकि वह आवाज़ को भोजन से जोड़ चुका था।
🧠 मुख्य बातें:
- Neutral stimulus → Conditioned stimulus बन सकता है।
- बार-बार दोहराने से सीखना मजबूत होता है।
📌 शिक्षा में उपयोग:
- अच्छे व्यवहार को सकारात्मक संकेतों से जोड़ना।
- कक्षा में अनुशासन सिखाने के लिए “संकेत” का प्रयोग।
📘 2.2.2 B.F. Skinner’s Operant Conditioning Theory
(बी.एफ. स्किनर का ऑपेरेंट अनुबन्धन सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“व्यवहार को पुरस्कार (reinforcement) और दंड (punishment) द्वारा बदला जा सकता है।”
— (B.F. Skinner)
👉 उदाहरण:
जब छात्र अच्छा उत्तर देता है और शिक्षक “बहुत अच्छा” कहता है → सकारात्मक पुनर्बलन।
अगर छात्र अनुचित व्यवहार करता है और उसे सुधारा जाता है → नकारात्मक पुनर्बलन।
🧠 प्रकार:
- Positive reinforcement — अच्छा व्यवहार बढ़ता है।
- Negative reinforcement — बुरा व्यवहार घटता है।
- Punishment — अनुचित व्यवहार रुकता है।
📌 शिक्षा में उपयोग:
- व्यवहार में सुधार लाना।
- प्रशंसा, इनाम और प्रोत्साहन का प्रयोग।
🟡 2.3 Humanistic & Social Theories (मानवतावादी एवं सामाजिक सिद्धांत)
📘 2.3.1 Abraham Maslow’s Humanistic Theory
(अब्राहम मस्लो का मानवतावादी सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“मानव का व्यवहार उसकी आवश्यकताओं से प्रेरित होता है, और अंतिम लक्ष्य आत्म-साक्षात्कार है।”
— (Abraham Maslow)
🧭 मस्लो की आवश्यकता पदानुक्रम (Hierarchy of Needs):
- शारीरिक आवश्यकताएँ (Physiological Needs) — भोजन, पानी, नींद।
- सुरक्षा (Safety Needs) — सुरक्षित वातावरण।
- प्रेम और अपनापन (Love and Belonging) — परिवार और मित्रता।
- सम्मान (Esteem Needs) — आत्मविश्वास और पहचान।
- आत्म-साक्षात्कार (Self-Actualization) — अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुँचना।
📌 शिक्षक के लिए सीख:
- बच्चों की बुनियादी ज़रूरतें पूरी होने पर ही वे बेहतर सीख सकते हैं।
📘 2.3.2 Lev Vygotsky’s Sociocultural Theory
(लेव व्यगोत्स्की का समाज-सांस्कृतिक सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“सीखना सामाजिक अंतःक्रिया (social interaction) के माध्यम से होता है और संस्कृति इसका मूल स्रोत है।”
— (Vygotsky)
🧠 मुख्य अवधारणाएँ:
- Zone of Proximal Development (ZPD): जो बच्चा दूसरों की मदद से सीख सकता है।
- Scaffolding: शिक्षक द्वारा दी जाने वाली अस्थायी सहायता।
👉 उदाहरण: बच्चा अकेले कठिन सवाल नहीं कर सकता लेकिन शिक्षक की थोड़ी मदद से कर लेता है।
📌 शिक्षा में प्रयोग: सहयोगात्मक अधिगम (Collaborative Learning)।
🟡 2.4 Cognitive Theory (संज्ञानात्मक सिद्धांत)
📘 2.4.1 Jean Piaget’s Cognitive Development Theory
(जीन पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“बच्चे सक्रिय रूप से अपने वातावरण के साथ अंतःक्रिया करके ज्ञान का निर्माण करते हैं।”
— (Jean Piaget)
🧭 पियाजे के चार चरण:
| चरण | आयु | विशेषता |
|---|---|---|
| Sensorimotor | 0–2 वर्ष | संवेदी और मोटर क्रियाएँ |
| Pre-operational | 2–7 वर्ष | प्रतीकात्मक सोच |
| Concrete Operational | 7–11 वर्ष | तर्कपूर्ण सोच |
| Formal Operational | 11 वर्ष+ | अमूर्त सोच |
📌 शिक्षा में प्रयोग: उम्र के अनुसार शिक्षण गतिविधियाँ बनाना।
🟡 2.5 Ecological Theory (पारिस्थितिक सिद्धांत)
📘 2.5.1 Bronfenbrenner’s Ecological Systems Theory
(ब्रॉन्फ़ेनब्रेनर का पारिस्थितिक तंत्र सिद्धांत)
📖 परिभाषा:
“बच्चे का विकास केवल उसके अंदरूनी गुणों से नहीं, बल्कि उसके चारों ओर के पर्यावरणीय तंत्र से भी होता है।”
— (Urie Bronfenbrenner)
🧠 पाँच तंत्र (Five Systems):
- Microsystem — परिवार, स्कूल, दोस्त।
- Mesosystem — इन तंत्रों के बीच संबंध।
- Exosystem — परोक्ष वातावरण (जैसे माता-पिता की नौकरी)।
- Macrosystem — संस्कृति, मूल्य।
- Chronosystem — समय और परिस्थितियों में बदलाव।
👉 उदाहरण: गाँव में पला बच्चा और शहर में पला बच्चा एक जैसा नहीं होता क्योंकि उनका पर्यावरण अलग है।
📌 शिक्षा में प्रयोग: पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि को समझकर शिक्षण देना।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
मानव विकास को समझने के लिए हमें केवल व्यवहार नहीं, बल्कि उसके पीछे के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों को समझना होता है।
- फ्रायड और एरिकसन ने भावनात्मक व सामाजिक संघर्षों को बताया।
- पैवलॉव और स्किनर ने व्यवहार को सीखने की प्रक्रिया से जोड़ा।
- मस्लो और व्यगोत्स्की ने ज़रूरतों और सामाजिक सहभागिता पर ज़ोर दिया।
- पियाजे ने सोचने की प्रक्रिया समझाई।
- ब्रॉन्फ़ेनब्रेनर ने पर्यावरण के प्रभाव को बताया।
📖 शिक्षक के लिए सार:
हर बच्चे का विकास एक जैसा नहीं होता। शिक्षक को चाहिए कि वह इन सिद्धांतों को समझकर अपनी कक्षा में व्यक्तिगत, सामाजिक और भावनात्मक ज़रूरतों के अनुसार शिक्षण रणनीति बनाए।
📚 संभावित परीक्षा प्रश्न (Important Questions)
- फ्रायड के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
- एरिकसन के आठ चरणों को उदाहरण सहित समझाइए।
- पैवलॉव और स्किनर के व्यवहारवादी सिद्धांत में अंतर बताइए।
- मस्लो के मानवतावादी सिद्धांत की शिक्षा में प्रासंगिकता बताइए।
- व्यगोत्स्की के समाज-सांस्कृतिक सिद्धांत को समझाइए।
- पियाजे के संज्ञानात्मक सिद्धांत के चार चरणों का वर्णन कीजिए।
- ब्रॉन्फ़ेनब्रेनर के पारिस्थितिक तंत्र सिद्धांत को विस्तार से समझाइए।
📝 त्वरित पुनरावृत्ति (Quick Recap)
- Psychodynamic Theories = अवचेतन और सामाजिक संघर्ष।
- Behaviourist Theories = सीखना → उत्तेजना और प्रतिक्रिया।
- Humanistic & Social = ज़रूरतें और सामाजिक सहभागिता।
- Cognitive = सोचने की प्रक्रिया।
- Ecological = पर्यावरण का प्रभाव।
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