Commissions, Acts and Policies on Education in General and Children with Disabilities

Table of Contents

सामान्य शिक्षा और विकलांग बच्चों पर आयोग, अधिनियम और नीतियाँ

🌿 भूमिका (Introduction)

भारत की शिक्षा व्यवस्था केवल ज्ञान देने का माध्यम नहीं — यह समानता, न्याय, स्वतंत्रता और सम्मान के मूल्यों को मजबूत करने का साधन है।
आज की समावेशी शिक्षा व्यवस्था (Inclusive Education System) कई वर्षों की संवैधानिक प्रावधानों, नीतियों, अंतरराष्ट्रीय घोषणाओं, और कानूनी अधिनियमों का परिणाम है।

👉 यदि आज एक दिव्यांग बच्चा बिना भेदभाव के स्कूल जा सकता है, तो यह केवल शिक्षक या स्कूल की इच्छा से नहीं — बल्कि संविधान और नीतियों के बल पर संभव है।


🟡 3.1 संवैधानिक प्रावधान (Constitutional Provisions)

🧠 3.1.1 समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय (Equality, Liberty, Secularism & Social Justice)

भारत के संविधान ने प्रत्येक नागरिक को समान अवसर और अधिकार देने की गारंटी दी है। शिक्षा इस गारंटी का केंद्र है।

✨ समानता (Equality)

  • अनुच्छेद 14–18 के अंतर्गत सभी नागरिकों को समान अधिकार।
  • कोई भी भेदभाव जाति, लिंग, धर्म, भाषा, विकलांगता आदि के आधार पर नहीं।
    📌 उदाहरण: सभी बच्चों को स्कूल में समान अवसर।

🕊️ स्वतंत्रता (Liberty)

  • अनुच्छेद 19–22 के अंतर्गत विचार, अभिव्यक्ति, शिक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी।
    📌 उदाहरण: बच्चे अपनी पसंद के विषय और भाषा में शिक्षा पा सकते हैं।

🕌 धर्मनिरपेक्षता (Secularism)

  • राज्य किसी धर्म को विशेष मान्यता नहीं देता।
  • शिक्षा में धार्मिक भेदभाव नहीं।
    📌 उदाहरण: सभी धर्मों के त्योहारों और परंपराओं का समान सम्मान।

⚖️ सामाजिक न्याय (Social Justice)

  • समाज के हर तबके को समान अवसर।
  • विशेष ध्यान — कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों पर।

📖 3.1.2 शिक्षा का अधिकार (Right to Education)

  • अनुच्छेद 21A (2002) के तहत — 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार।
  • RTE Act (2009) इसी अनुच्छेद का क्रियान्वयन है।
    📌 विशेष रूप से कमजोर वर्गों और दिव्यांग बच्चों को प्राथमिकता।

👧 3.1.3 महिला शिक्षा (Women Education)

  • संविधान में महिलाओं को समान अवसर।
  • बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाएँ — “Beti Bachao Beti Padhao”, KGBV, Sarva Shiksha Abhiyan

🧑‍🤝‍🧑 3.1.4 कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों की शिक्षा (Education for Weaker Sections and Minorities)

  • अनुच्छेद 29–30 के तहत अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा और संस्कृति में शिक्षा का अधिकार।
  • अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण और छात्रवृत्ति।

♿ 3.1.5 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा (Education for Children with Special Needs)

  • संविधान में विकलांग बच्चों को समान अवसर और barrier-free शिक्षा की गारंटी।
  • अनुच्छेद 41, 45 और 46 में विशेष प्रावधान।
    📌 NEP 2020 और RPwD Act 2016 ने इसे और सशक्त बनाया है।

🟡 3.2 राष्ट्रीय आयोग और नीतियाँ (National Commissions and Policies)

भारत में शिक्षा के विकास के लिए समय-समय पर कई आयोग बने और नीतियाँ बनीं। आइए एक कहानी की तरह इन्हें समझें 👇


🏛️ 3.2.1 विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग (University Education Commission – 1948–49)

👉 स्वतंत्रता के तुरंत बाद, शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय दृष्टिकोण देने के लिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अध्यक्षता में आयोग बना।

📌 मुख्य सिफारिशें:

  • उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और शोध पर बल।
  • विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता।
  • शिक्षक प्रशिक्षण और नैतिक मूल्यों पर जोर।

🧠 शिक्षा = राष्ट्र निर्माण का उपकरण।


🏫 3.2.2 माध्यमिक शिक्षा आयोग (Secondary Education Commission – 1952–53)

👉 डॉ. मुदालियर आयोग

📌 सिफारिशें:

  • माध्यमिक शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा जोड़ना।
  • पाठ्यक्रम में संतुलन — बौद्धिक, शारीरिक और नैतिक शिक्षा।
  • शिक्षकों के लिए बेहतर प्रशिक्षण प्रणाली।

📘 3.2.3 शिक्षा आयोग (Education Commission – 1964–66)

👉 कोठारी आयोग — “Education and National Development

📌 सिफारिशें:

  • समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
  • शिक्षा में 6% GDP निवेश।
  • समान पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक नीति।
  • शिक्षक को “राष्ट्र निर्माता” का दर्जा।

🧾 3.2.4 राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE) 1968

  • कोठारी आयोग की सिफारिशों के आधार पर बनी पहली राष्ट्रीय नीति।
    📌 उद्देश्य:
  • समान अवसर
  • राष्ट्रीय एकता
  • शिक्षा का लोकतंत्रीकरण।

🧾 3.2.5 राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE) 1986 और कार्ययोजना (POA) 1992

  • सभी के लिए शिक्षा (Education for All)।
  • बालिका शिक्षा और दिव्यांग बच्चों पर विशेष ध्यान।
  • District Primary Education Programme (DPEP) और SSA की नींव।

📌 पहली बार Inclusive Education को स्पष्ट रूप से नीति में शामिल किया गया।


🟡 3.3 नयी शिक्षा नीति (NEP 2020) और पाठ्यचर्या ढाँचा (NCF)

🧠 3.3.1 राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020)

  • लचीलापन, समावेशन और गुणवत्ता पर जोर।
  • 5+3+3+4 संरचना लागू।
  • CWSN (Children With Special Needs) के लिए Barrier Free Environment।
  • शिक्षक प्रशिक्षण और विशेष संसाधन केंद्रों की स्थापना।
    📌 दृष्टिकोण: “Education for All, Inclusion for All”

📚 3.3.2 NCF 2005 (National Curriculum Framework)

  • शिक्षण को बच्चों के अनुभव से जोड़ना।
  • समावेशी शिक्षा को मुख्य धारा में लाना।
  • शिक्षक = सह-भागी।

🧑‍🏫 3.3.3 NCFTE 2009 (Teacher Education)

  • शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के लिए तैयार करना।
  • बाल-केंद्रित शिक्षण पद्धति।

🏫 3.3.4 NCFSE 2023 (School Education)

  • कौशल आधारित शिक्षा।
  • समावेशन और तकनीकी नवाचारों पर बल।
  • 21वीं सदी के कौशलों का विकास।

🟡 3.4 अंतरराष्ट्रीय घोषणाएँ और नीतियाँ (International Conventions and Policies)

भारत की समावेशी शिक्षा व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय समझौतों से भी प्रेरित है 🌍


📜 3.4.1 Salamanca Declaration (1994)

  • सभी बच्चों को एक ही कक्षा में पढ़ने का अधिकार।
  • विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को सामान्य स्कूलों में स्थान देना।
  • “Inclusive Education” की नींव।

📌 भारत ने इस घोषणा पर हस्ताक्षर किया।


🌐 3.4.2 UNCRPD (2006)

  • United Nations Convention on the Rights of Persons with Disabilities
  • विकलांग व्यक्तियों को समान अधिकार और अवसर।
  • Inclusive, Quality and Free Education for All.

🕊️ 3.4.3 MDG (Millennium Development Goals) 2015

  • प्राथमिक शिक्षा सार्वभौमिक बनाना।
  • विशेष रूप से बालिकाओं और विकलांग बच्चों के लिए।

🌍 3.4.4 INCHEON Strategies 2030

  • “Education 2030 — Towards Inclusive and Equitable Quality Education for All”
  • समावेशन को केंद्र में रखकर वैश्विक प्रयास।

🧭 3.4.5 Biwako Millennium Framework (Asia Pacific)

  • विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देना।
  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र में Barrier Free शिक्षा प्रणाली विकसित करना।

🟡 3.5 राष्ट्रीय अधिनियम (National Acts)

📜 3.5.1 RCI Act 1992

  • Rehabilitation Council of India (RCI) की स्थापना।
  • विशेष शिक्षा, पुनर्वास और प्रोफेशनल ट्रेनिंग को नियमित करना।
    📌 “Only trained professionals should serve CWSN”

🧑‍🦽 3.5.2 PWD Act 1995 (Persons with Disabilities Act)

  • विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा।
  • शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक सेवाओं में समान अवसर।

🏛️ 3.5.3 National Trust Act 1999

  • मानसिक और विकासात्मक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए सुरक्षा और समर्थन।
  • कानूनी संरक्षकता की व्यवस्था।

🧑‍🎓 3.5.4 RTE Act 2009 & Amendment 2012

  • 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार।
  • 25% सीटें निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित।
  • CWSN के लिए विशेष प्रावधान।

♿ 3.5.5 RPwD Act 2016 (Rights of Persons with Disabilities)

  • विकलांगता की 21 श्रेणियों को मान्यता।
  • Inclusive Education को अनिवार्य बनाना।
  • Barrier Free Environment की कानूनी गारंटी।

📌 उदाहरण: स्कूलों में रैंप, लिफ्ट, सहायक तकनीक, स्पेशल एजुकेटर्स।


📌 निष्कर्ष (Conclusion)

भारत की शिक्षा व्यवस्था केवल किताबों और स्कूलों से नहीं बनी — यह दशकों से चली आ रही संवैधानिक प्रावधानों, राष्ट्रीय नीतियों, अंतरराष्ट्रीय घोषणाओं और कानूनी ढाँचे का परिणाम है।

👉 इन सभी ने मिलकर समावेशी शिक्षा (Inclusive Education) की मजबूत नींव रखी है।
👉 अब उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं — बल्कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समान शिक्षा देना है।


📚 संभावित परीक्षा प्रश्न (Important Questions)

  1. भारतीय संविधान में शिक्षा से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा कीजिए।
  2. कोठारी आयोग और NPE 1986 के प्रमुख बिंदुओं की व्याख्या कीजिए।
  3. NEP 2020 और NCF में समावेशन को कैसे जोड़ा गया है?
  4. Salamanca Declaration और UNCRPD का शिक्षा पर प्रभाव समझाइए।
  5. RPwD Act 2016 के मुख्य प्रावधान लिखिए।

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