Overview of Assessment and School System

Table of Contents

मूल्यांकन और विद्यालय प्रणाली का अवलोकन

🌿 भूमिका (Introduction)

शिक्षा केवल ज्ञान अर्जन की प्रक्रिया नहीं है — यह विकास और सुधार की यात्रा है।
इस यात्रा में मूल्यांकन (Assessment) वह दर्पण है जो हमें दिखाता है कि छात्र कहाँ खड़ा है, उसने कितना सीखा है और कहाँ सुधार की आवश्यकता है।

👉 मूल्यांकन केवल “अंक देने” का साधन नहीं, बल्कि सीखने की दिशा बताने वाला उपकरण है।
समावेशी शिक्षा के संदर्भ में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है — क्योंकि हर छात्र की सीखने की गति, शैली और क्षमता अलग होती है।


🟡 4.1 Assessment: Conventional Meaning and Constructivist Perspective

(मूल्यांकन: पारंपरिक अर्थ और रचनावादी दृष्टिकोण)

📖 पारंपरिक दृष्टिकोण (Conventional Meaning):

  • पारंपरिक रूप से मूल्यांकन को केवल परीक्षा और अंकों से जोड़ा गया है।
  • शिक्षक प्रश्न पूछता है, छात्र उत्तर देता है, और परिणाम घोषित होता है।
  • यह एक “जांच प्रणाली” है जो सीखने के परिणाम पर केंद्रित होती है, प्रक्रिया पर नहीं।

📌 उदाहरण: परीक्षा में 80 अंक पाने वाला छात्र “अच्छा” माना जाता है, भले ही उसे विषय का गहरा ज्ञान न हो।


🧠 रचनावादी दृष्टिकोण (Constructivist Perspective):

  • Constructivism कहता है कि सीखना एक सक्रिय प्रक्रिया है — जहाँ विद्यार्थी अपने अनुभवों से ज्ञान बनाता है।
  • इसलिए मूल्यांकन को भी सतत, व्यापक और प्रक्रिया-आधारित होना चाहिए।
  • यहाँ शिक्षक “निरीक्षक” नहीं बल्कि “मार्गदर्शक” की भूमिका निभाता है।

📌 उदाहरण: शिक्षक छात्रों के प्रोजेक्ट, चर्चा और गतिविधियों के माध्यम से मूल्यांकन करता है।


✨ अंतर (Difference Table):

आधारपारंपरिक मूल्यांकनरचनावादी मूल्यांकन
फोकसपरिणामप्रक्रिया
उपकरणपरीक्षा, टेस्टगतिविधि, पोर्टफोलियो
भूमिकाशिक्षक-केंद्रितछात्र-केंद्रित
उद्देश्यग्रेड देनासीखने में सुधार
प्रकृतिसीमित समय कीसतत और व्यापक (CCE)

🟡 4.2 ‘Assessment of Learning’ और ‘Assessment for Learning’: Meaning and Difference

🧩 Assessment of Learning (AOL):

  • यह पारंपरिक तरीका है — जहाँ परीक्षा के अंत में यह देखा जाता है कि छात्र ने क्या सीखा।
  • इसे Summative Assessment भी कहा जाता है।
    📌 उदाहरण: टर्म एंड परीक्षा, फाइनल टेस्ट, रिपोर्ट कार्ड।

🌱 Assessment for Learning (AFL):

  • यह सीखने की प्रक्रिया के दौरान किया जाने वाला मूल्यांकन है।
  • इसका उद्देश्य छात्र की प्रगति को समझना और सुधार में मदद करना है।
    📌 उदाहरण: शिक्षक कक्षा में छात्रों से प्रश्न पूछता है, प्रतिक्रिया देता है।

📊 मुख्य अंतर:

बिंदुAssessment of LearningAssessment for Learning
उद्देश्यपरिणाम मापनासीखने में सुधार करना
समयपाठ के अंत मेंसीखने की प्रक्रिया के दौरान
उपयोगकर्ताशिक्षक और संस्थानशिक्षक और छात्र
दृष्टिकोणमूल्यांकनात्मकनिदानात्मक और विकासात्मक

🟡 4.3 Comparing and Contrasting Assessment, Evaluation, Measurement, Test and Examination

(मूल्यांकन, आकलन, मापन, परीक्षा में अंतर)

📖 1. Measurement (मापन):

  • मात्रात्मक (Quantitative) प्रक्रिया — स्कोर या संख्या देना।
    📌 उदाहरण: छात्र ने 50 में से 40 अंक प्राप्त किए।

📖 2. Evaluation (मूल्यांकन):

  • गुणात्मक (Qualitative) प्रक्रिया — परिणाम की व्याख्या करना।
    📌 उदाहरण: छात्र की समझ और व्यवहार पर समग्र राय देना।

📖 3. Test (परीक्षण):

  • सीमित प्रश्नों के माध्यम से प्रदर्शन मापना।
    📌 उदाहरण: Unit Test, Class Test।

📖 4. Examination (परीक्षा):

  • औपचारिक, विस्तृत मूल्यांकन — टर्म एंड या वार्षिक परीक्षा।
    📌 उदाहरण: Board Examination।

📖 5. Assessment (आकलन):

  • समग्र प्रक्रिया जिसमें मापन, मूल्यांकन और सुधार सभी शामिल हैं।
    📌 उदाहरण: शिक्षक पोर्टफोलियो, ऑब्ज़र्वेशन और टेस्ट का उपयोग करता है।

🧠 संक्षिप्त अंतर तालिका:

घटकअर्थप्रकृतिउदाहरण
Measurementसंख्यात्मक आकलनमात्रात्मक70/100
Evaluationगुणवत्ता आधारित विश्लेषणगुणात्मक“अच्छा प्रदर्शन”
Testछोटे पैमाने पर परीक्षासीमितUnit Test
Examinationबड़े पैमाने परऔपचारिकBoard Exam
Assessmentप्रक्रिया और सुधारनिरंतरFeedback & Portfolio

🟡 4.4 Formative and Summative Evaluation

(गठनात्मक और संक्षिप्त मूल्यांकन)

🌱 Formative Evaluation (गठनात्मक मूल्यांकन):

  • सीखने के दौरान किया जाने वाला मूल्यांकन।
  • शिक्षक बच्चों की कमजोरियों और प्रगति दोनों पर ध्यान देता है।
    📌 उदाहरण: Class quiz, oral test, observation, group project.

🧩 Summative Evaluation (संक्षिप्त मूल्यांकन):

  • सीखने की अवधि के अंत में किया जाता है।
  • उद्देश्य — सीखने के परिणामों का निष्कर्ष निकालना।
    📌 उदाहरण: टर्म एंड परीक्षा।

🧠 Curriculum Based Measurement (CBM):

  • यह मूल्यांकन छात्रों की प्रगति को सीधे पाठ्यक्रम से जोड़कर मापता है।
  • विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शैक्षणिक प्रगति देखने के लिए अत्यंत प्रभावी है।
    📌 उदाहरण: छात्र Braille या Sign Language में सामग्री समझ पा रहा है या नहीं।

🟡 4.5 Key Concepts in Evaluation

(मूल्यांकन में प्रमुख अवधारणाएँ)

  1. Marks (अंक): प्रदर्शन की संख्यात्मक अभिव्यक्ति।
  2. Credit (क्रेडिट): अध्ययन के समय या विषय भार के आधार पर प्राप्त अंक।
  3. Grading (ग्रेडिंग): अंक को श्रेणी में बाँटना (A, B, C, D)।
  4. Choice (विकल्प): छात्रों को विषय या प्रश्न चुनने की स्वतंत्रता देना।
  5. Alternate Certifications: विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को वैकल्पिक प्रमाण पत्र देना।
  6. Transparency (पारदर्शिता): परीक्षा प्रणाली में निष्पक्षता।
  7. Internal-External Proportion: स्कूल और बाहरी परीक्षा का अनुपात (उदाहरण: 40% Internal + 60% External)।
  8. Improvement Options: छात्र को पुनः परीक्षा देकर सुधार करने का अवसर।

🧑‍🏫 Inclusive Education में मूल्यांकन की भूमिका

  • विविध क्षमताओं वाले बच्चों के लिए Adapted Assessment आवश्यक है।
  • Braille, Audio Test, Oral Examination जैसी तकनीकें मददगार होती हैं।
  • Continuous Evaluation (CCE) से प्रत्येक बच्चे की प्रगति पर ध्यान दिया जा सकता है।

📌 उदाहरण: दृष्टिबाधित छात्र को मौखिक परीक्षा, सुनने पर आधारित प्रश्न देना।


📌 निष्कर्ष (Conclusion)

👉 मूल्यांकन शिक्षा की आत्मा है।
👉 यह केवल परिणाम नहीं, बल्कि सुधार की दिशा दिखाता है।
👉 समावेशी शिक्षा में मूल्यांकन का उद्देश्य हर बच्चे के सीखने को समझना और उसे समर्थन देना है — न कि तुलना करना।

एक संवेदनशील शिक्षक वह होता है जो मूल्यांकन को “न्याय का उपकरण” नहीं बल्कि “विकास का साधन” बनाता है।


📚 महत्वपूर्ण परीक्षा प्रश्न (Important Questions)

  1. पारंपरिक और रचनावादी मूल्यांकन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
  2. Assessment of Learning और Assessment for Learning में अंतर लिखिए।
  3. Measurement, Evaluation, Test और Examination में अंतर बताइए।
  4. Formative और Summative Evaluation का अंतर समझाइए।
  5. Curriculum Based Measurement के शैक्षिक निहितार्थ बताइए।
  6. मूल्यांकन के प्रमुख सिद्धांतों पर टिप्पणी कीजिए।

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