Role of Special Educator in Assessment
आकलन में विशेष शिक्षक की भूमिका
Course Code: Course III – Assessment of Children with Developmental Disabilities
विशेष शिक्षा में, ‘आकलन’ केवल मनोवैज्ञानिक या डॉक्टर का काम नहीं है। एक विशेष शिक्षक (Special Educator) आकलन प्रक्रिया की धुरी होता है। जहां नैदानिक (Clinical) आकलन बच्चे को एक “लेबल” देता है, वहीं शिक्षक का आकलन बच्चे के लिए “शिक्षण योजना” (Teaching Plan) बनाता है। इस इकाई में हम स्क्रीनिंग से लेकर IEP निर्माण तक शिक्षक की हर भूमिका को गहराई से समझेंगे।
Screening Tools – Scope and Importance in Educational Settings and Tools Used
(स्क्रीनिंग उपकरण – शैक्षिक सेटिंग्स में दायरा और महत्व, और उपयोग किए जाने वाले उपकरण)
A. स्क्रीनिंग का अर्थ और दायरा (Concept & Scope)
स्क्रीनिंग (Screening) आकलन की पहली सीढ़ी है। यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम बड़ी संख्या में बच्चों में से उन बच्चों की पहचान करते हैं जिन्हें सीखने, व्यवहार या विकास में समस्या हो सकती है।
- दायरा (Scope): स्क्रीनिंग का दायरा बहुत व्यापक है। यह केवल विशेष स्कूलों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग आंगनवाड़ी, नियमित स्कूलों (Regular Schools), और स्वास्थ्य केंद्रों में भी किया जाता है। इसका उद्देश्य “निदान” (Diagnosis) करना नहीं है, बल्कि केवल “संदिग्ध” (Suspect) मामलों को अलग करना है ताकि उनका विस्तृत मूल्यांकन किया जा सके 3।
B. शैक्षिक सेटिंग्स में स्क्रीनिंग का महत्व (Importance)
- शीघ्र पहचान (Early Identification): जितनी जल्दी समस्या की पहचान होगी, उतनी ही जल्दी हस्तक्षेप (Intervention) शुरू किया जा सकता है। स्क्रीनिंग इसमें सबसे अहम भूमिका निभाती है।
- समय और धन की बचत: हर बच्चे का महंगा और समय लेने वाला IQ टेस्ट नहीं किया जा सकता। स्क्रीनिंग एक सस्ता और तेज़ तरीका है जिससे केवल जरूरतमंद बच्चों को ही आगे की जांच के लिए भेजा जाता है।
- रेफरल का आधार (Basis for Referral): एक शिक्षक कक्षा में स्क्रीनिंग करके यह तय कर सकता है कि किस बच्चे को स्कूल काउंसलर या मनोवैज्ञानिक के पास भेजना चाहिए।
C. स्क्रीनिंग उपकरण (Screening Tools Used)
विशेष शिक्षक विभिन्न उपकरणों का उपयोग करते हैं:
- Checklists (चेकलिस्ट): यह सबसे आम उपकरण है। इसमें व्यवहारों की एक सूची होती है।
- उदाहरण: “क्या बच्चा अपना नाम सुनकर मुड़ता है?” (हाँ/नहीं)।
- टूल्स: M-CHAT (Autism के लिए), Ten Questions Questionnaire (TQQ – सभी अक्षमताओं के लिए)।
- Observation (अवलोकन): शिक्षक कक्षा में बच्चे को देखते हैं।
- उदाहरण: अगर कोई बच्चा बार-बार ब्लैकबोर्ड देखने के लिए अपनी आँखें सिकोड़ रहा है, तो यह दृष्टि समस्या (Visual Impairment) की स्क्रीनिंग है।
- Behavioral Checklists: ADHD या व्यवहार समस्याओं की पहचान के लिए।
- टूल्स: CBCL (Child Behavior Checklist).
Formal Assessments Carried Out by Special Educator
(विशेष शिक्षक द्वारा किए जाने वाले औपचारिक आकलन)
विशेष शिक्षक केवल अनौपचारिक तरीके ही नहीं अपनाते, बल्कि वे कई औपचारिक (Formal) आकलन भी करते हैं जो सीधे पाठ्यक्रम (Curriculum) से जुड़े होते हैं ।
A. पाठ्यक्रम आधारित आकलन (Curriculum Based Assessment – CBA)
यह विशेष शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण औपचारिक आकलन है।
- क्या है? इसमें बच्चे का आकलन सीधे उस सामग्री पर किया जाता है जो उसे कक्षा में पढ़ाई जा रही है। यह IQ टेस्ट की तरह बाहरी नहीं होता।
- उद्देश्य: यह देखना कि बच्चा वर्तमान पाठ्यक्रम को कितना समझ पा रहा है।
- प्रक्रिया:
- शिक्षक पाठ्यक्रम से एक टॉपिक चुनता है (जैसे: दो अंकों का जोड़)।
- उस टॉपिक पर आधारित एक छोटा टेस्ट बनाता है।
- बच्चे का प्रदर्शन मापता है और तय करता है कि आगे बढ़ना है या दोबारा पढ़ाना है।
- महत्व: यह IEP लक्ष्यों को अपडेट करने के लिए सबसे सटीक डेटा देता है।
B. शैक्षिक मूल्यांकन (Educational Evaluations)
ये व्यापक मूल्यांकन होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि बच्चे को विशेष शिक्षा सेवाओं की आवश्यकता है या नहीं।
- मानकीकृत उपलब्धि परीक्षण (Standardized Achievement Tests): जैसे Woodcock-Johnson Test या Wide Range Achievement Test (WRAT)। हालांकि ये मनोवैज्ञानिक द्वारा किए जा सकते हैं, लेकिन प्रशिक्षित विशेष शिक्षक भी इनका उपयोग अकादमिक स्तर (Grade Level) जानने के लिए करते हैं।
- ग्रेड लेवल असेसमेंट: जैसे GLAD (Grade Level Assessment Device)। इसका उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि लर्निंग डिसेबिलिटी (SLD) वाला बच्चा अपनी कक्षा के स्तर से कितना पीछे है।
C. सत्रांत मूल्यांकन (Term End Evaluations – Summative)
यह एक योगात्मक (Summative) आकलन है।
- कब होता है: तिमाही, छमाही या वार्षिक परीक्षा के रूप में।
- विशेष शिक्षा में रूप: सामान्य बच्चों की तरह केवल लिखित परीक्षा नहीं होती। IDD बच्चों के लिए, शिक्षक यह देखता है कि IEP में तय किए गए 10 लक्ष्यों में से बच्चे ने कितने हासिल किए (जैसे: 80% सटीकता के साथ खाना खाना)।
- रिपोर्टिंग: इसका उपयोग प्रगति रिपोर्ट (Progress Report) बनाने और माता-पिता को परिणाम बताने के लिए किया जाता है।
Informal Assessment Carried Out by Teachers
( शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले अनौपचारिक आकलन)
एक विशेष शिक्षक का 80% समय अनौपचारिक आकलन में बीतता है। यह लचीला होता है और सीधे IEP (व्यक्तिगत शैक्षिक कार्यक्रम) बनाने में मदद करता है ।
A. IEP योजना के लिए आकलन (Assessment for Planning IEP)
IEP बनाने के लिए हमें बच्चे की Current Level of Functioning (वर्तमान कार्य स्तर) का सटीक पता होना चाहिए। इसके लिए शिक्षक निम्नलिखित का उपयोग करते हैं:
- कार्यात्मक आकलन (Functional Assessment):
- यह देखा जाता है कि बच्चा वास्तविक जीवन में कैसे कार्य करता है।
- उदाहरण: क्या वह अकेले टॉयलेट जा सकता है? क्या वह अपने पैसे गिन सकता है?
- दक्षता आधारित आकलन (Skill Based Assessment):
- बच्चे के कौशल को छोटे-छोटे चरणों में तोड़कर जाँचना (Task Analysis)।
B. शिक्षक निर्मित परीक्षण (Teacher Made Tests – TMT)
मानकीकृत टेस्ट हर बच्चे पर लागू नहीं होते, इसलिए शिक्षक खुद टेस्ट बनाते हैं।
- विशेषता: यह बच्चे की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार होता है।
- उदाहरण: एक ऑटिज्म वाले बच्चे के लिए, शिक्षक “रंगों की पहचान” का टेस्ट बना सकता है जिसमें वह बच्चे को लाल और नीले ब्लॉक उठाने के लिए कहेगा। इसमें कोई समय सीमा नहीं होती।
- लाभ: यह तनावमुक्त होता है और बच्चे की वास्तविक क्षमता को दर्शाता है।
C. विभिन्न पाठ्यचर्या डोमेन में CRT (Criterion Referenced Tests)
विशेष शिक्षा में CRT (निकष संदर्भित परीक्षण) सबसे मुख्य उपकरण है।
- डोमेन (Domains): विशेष शिक्षक बच्चे का आकलन इन क्षेत्रों में करता है:
- Personal (व्यक्तिगत): खाना, पीना, नहाना।
- Social (सामाजिक): बारी का इंतजार करना, नमस्ते करना।
- Academic (अकादमिक): पढ़ना, लिखना, समय देखना।
- Occupational (व्यावसायिक): फाइलिंग करना, बागवानी।
- Recreational (मनोरंजन): इंडोर/आउटडोर खेल।
- उपकरण (Tools): भारत में IDD बच्चों के लिए निम्नलिखित CRT टूल्स का उपयोग होता है:
- MDPS (Madras Developmental Programming System): इसमें 18 डोमेन और 360 कौशल हैं। शिक्षक चेक करता है कि बच्चा कौन सा कौशल कर सकता है (A) और कौन सा नहीं (B)।
- FACP (Functional Assessment Checklist for Programming): यह विभिन्न आयु समूहों (Pre-primary to Vocational) के लिए उपयोग होता है।
- BASIC-MR: व्यवहार आकलन के लिए।
Assessment of Students Who Need High Supports/Having Severe Disabilities
( उच्च सहायता आवश्यकता/गंभीर दिव्यांगता वाले छात्रों का आकलन)
गंभीर (Severe) या गहन (Profound) दिव्यांगता वाले बच्चों का आकलन करना चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि वे अक्सर बोल नहीं पाते और उनकी प्रतिक्रिया बहुत सूक्ष्म होती है ।
आकलन की चुनौतियाँ
- मानकीकृत IQ टेस्ट (जैसे BKT) इन बच्चों पर काम नहीं करते क्योंकि इनका विकास स्तर बहुत नीचे होता है।
- वे निर्देशों का पालन नहीं कर पाते।
विशेष शिक्षक की रणनीतियाँ (Strategies)
- पारिस्थितिक आकलन (Ecological Assessment):
- बच्चे का आकलन उसके प्राकृतिक वातावरण में किया जाता है (जैसे घर पर, भोजन के समय)।
- शिक्षक यह देखता है कि वातावरण में क्या बाधाएं हैं और बच्चे को किस प्रकार की सहायता (Support) की आवश्यकता है।
- व्यक्ति-केंद्रित योजना (Person-Centered Planning – PCP):
- इसमें केवल “क्या नहीं कर सकता” पर ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि बच्चे की पसंद-नापसंद और परिवार के सपनों पर ध्यान दिया जाता है।
- उदाहरण: MAPS (Making Action Plans) का उपयोग करना।
- सहायता की तीव्रता का आकलन (Assessing Intensity of Support):
- शिक्षक यह मापता है कि बच्चे को कितनी मदद चाहिए:
- Intermittent: कभी-कभी मदद।
- Limited: किसी खास काम में मदद।
- Extensive: रोज मदद (जैसे नहाने में)।
- Pervasive: हर पल, जीवन रक्षक मदद।
- शिक्षक यह मापता है कि बच्चे को कितनी मदद चाहिए:
- संवेदी आकलन (Sensory Assessment):
- गंभीर दिव्यांगता वाले बच्चे अक्सर संवेदी समस्याओं से जूझते हैं। शिक्षक यह आकलन करता है कि बच्चा किस तरह की आवाज, स्पर्श या रोशनी पर प्रतिक्रिया देता है।
Teacher Competencies and Role of Special Education Teacher in Assessment
(विभिन्न सेटिंग्स में विशेष शिक्षक की दक्षताएं और भूमिका)
एक सफल आकलन के लिए शिक्षक में विशिष्ट कौशल होने चाहिए ।
A. शिक्षक की दक्षताएं (Teacher Competencies)
- अवलोकन कौशल (Observation Skills): शिक्षक को बच्चे के चेहरे के सूक्ष्म भावों, शारीरिक भाषा और व्यवहार को पढ़ने में माहिर होना चाहिए।
- अनुकूलन कौशल (Adaptation Skills): टेस्ट सामग्री को बच्चे की जरूरत के अनुसार बदलना। (जैसे: अंधे बच्चे के लिए स्पर्श सामग्री का उपयोग करना)।
- डेटा प्रलेखन (Data Documentation): आकलन के परिणामों को व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड करना ताकि प्रगति का सबूत रहे।
- संचार कौशल (Communication Skills): आकलन के परिणामों को माता-पिता को सरल भाषा में समझाना (बिना तकनीकी शब्दों के)।
- तकनीकी ज्ञान (Technological Knowledge): आकलन के लिए ऐप्स और सॉफ्टवेयर का उपयोग करना।
B. विभिन्न सेटिंग्स में भूमिका (Role in Different Settings)
1. विशेष स्कूल (Special School)
- यहाँ शिक्षक मुख्य मूल्यांकनकर्ता (Primary Assessor) होता है।
- वह MDPS/FACP जैसे टूल्स का उपयोग करके हर तिमाही विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है।
- पूरी IEP टीम का नेतृत्व करता है।
2. समावेशी स्कूल (Inclusive School)
- यहाँ विशेष शिक्षक एक सहयोगी (Collaborator) की भूमिका निभाता है।
- वह नियमित शिक्षक (Regular Teacher) की मदद करता है कि प्रश्न पत्र को CWSN बच्चे के लिए कैसे संशोधित किया जाए (जैसे: बहुविकल्पीय प्रश्न देना)।
- वह “Curriculum Adaptation” का आकलन करता है।
3. गृह आधारित कार्यक्रम (Home Based Program)
- यहाँ शिक्षक माता-पिता को आकलन करना सिखाता है।
- वह घर के वातावरण का आकलन करता है और माता-पिता को सिखाता है कि बच्चे की दैनिक गतिविधियों (ADL) को कैसे रिकॉर्ड करें।
4. नैदानिक/पुनर्वास केंद्र (Rehabilitation Center)
- यहाँ शिक्षक मनोवैज्ञानिकों और थेरेपिस्ट के साथ मिलकर काम करता है। वह बच्चे का शैक्षिक इतिहास और कार्यात्मक कौशल का डेटा प्रदान करता है जो निदान में मदद करता है।
📝 Summary Chart for Unit 2 (सारांश चार्ट)
| Assessment Type | Role of Spl. Educator | Tools Used |
| Screening | Identification of At-risk students | Checklists, Observation, TQQ |
| Formal | Evaluating Curriculum Mastery | CBA, Term-end exams, GLAD |
| Informal | IEP Planning & Skill checking | Teacher made tests, Observation |
| CRT | Assessing Specific Skills | MDPS, FACP, BASIC-MR |
| Severe ID | Assessing Support Needs | Ecological Assessment, PCP |
Disclaimer: notes4specialeducation.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। यद्यपि हम सटीकता सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करते हैं, फिर भी पाठकों से अनुरोध है कि वे सामग्री की आधिकारिक स्रोतों से स्वयं पुष्टि कर लें। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें help@notes4specialeducation.com पर मेल करें।
Grid
Pedagogy of Teaching Science Course A4(a): B.Ed. Special Education के लिए सम्पूर्ण गाइड (2025)
Assessment and Evaluation
Learning Resources with reference to Children with Disabilities for Teaching Science
Approaches and Methods of Teaching Sciences
Planning for Instruction
Nature and Significance of Science
B.Ed Special Education (ID), B.com & M.Com
Founder – ✨ Notes4SpecialEducation✨
I create simple, clear, and exam-focused study materials for Special Education students. My aim is to make learning accessible and easy to understand, so that every student can learn confidently and succeed in their academic journey.






