Planning for Instruction

शिक्षण के लिए नियोजन

शिक्षण नियोजन (Instructional Planning) वह वैचारिक चरण है जहाँ शिक्षक यह निर्धारित करता है कि पाठ्यक्रम के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विषय-वस्तु को किस प्रकार संरचित, अनुक्रमित और मूल्यांकित किया जाएगा। यह व्यवस्थित तैयारी शिक्षण को व्यवस्थित, कुशल और उद्देश्य-केंद्रित बनाती है।


Aims and Objectives of Teaching Science in Elementary and Secondary School (प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान शिक्षण के लक्ष्य और उद्देश्य)

शिक्षण के लक्ष्य (Aims) व्यापक और दीर्घकालिक होते हैं, जो विज्ञान शिक्षा के सामाजिक और दार्शनिक पहलुओं को दर्शाते हैं। इसके विपरीत, उद्देश्य (Objectives) विशिष्ट, मापने योग्य अधिगम परिणाम होते हैं जिन्हें एक निश्चित पाठ या पाठ्यक्रम के अंत में प्राप्त किया जाना चाहिए।

A. विज्ञान शिक्षण के सामान्य लक्ष्य (General Aims of Science Teaching)

NCF-2005 और NEP-2020 के अनुसार, विज्ञान शिक्षण के लक्ष्य केवल तथ्यों को याद करने (Memorisation) पर जोर देने के बजाय, बच्चों के अनुभव से ज्ञान को जोड़ने पर केंद्रित हैं ।

  1. जिज्ञासा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पोषण: छात्रों में जिज्ञासा (Curiosity), वस्तुनिष्ठता (Objectivity), रचनात्मकता (Creativity), आलोचनात्मक चिंतन (Critical Thinking), और वैज्ञानिक मनोभाव (Scientific Temper) का विकास करना ।
  2. वैज्ञानिक प्रक्रिया कौशल: वैज्ञानिक जाँच-पड़ताल (Scientific Inquiry) की क्षमताओं और प्रक्रिया कौशल (Process Skills), जैसे अवलोकन, मापन और प्रयोग की क्षमता, को विकसित करने पर जोर देना ।  

मूल्य और नैतिकता (Ethical Validity): ईमानदारी, वस्तुपरकता, सहयोग, भय और पूर्वाग्रह से आजादी जैसे नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करना, तथा शिक्षार्थियों में पर्यावरण व जीवन के संरक्षण के प्रति चेतना विकसित करना ।  

सामाजिक प्रासंगिकता: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज (STS) के अंतर्संबंधों के बारे में जागरूकता विकसित करना ।  

B. विभिन्न शैक्षणिक स्तरों पर उद्देश्य (Objectives at Different Educational Stages)

शिक्षार्थी के संज्ञानात्मक स्तर (Cognitive Level) के अनुरूप उद्देश्यों को परिभाषित किया जाता है:

शैक्षणिक स्तरमुख्य उद्देश्य (Focus)शैक्षणिक उपागम (Pedagogical Approach)संदर्भ
प्राथमिक स्तरहाथों-हाथ की गतिविधियों, अवलोकन और बुनियादी कौशल के माध्यम से दुनिया के प्रति जिज्ञासा का पोषण।संवेदी जुड़ाव और तत्काल पर्यावरण की खोज।
उच्च प्राथमिक स्तरपरिचित अनुभवों के माध्यम से विज्ञान के सिद्धांतों को सीखना; सरल तकनीकी इकाइयों के डिजाइन पर कार्य करना (जैसे पवनचक्की का कार्यशील मॉडल बनाना)।व्यावहारिक कार्य को वैचारिक समझ के साथ एकीकृत करना।
माध्यमिक स्तरवैज्ञानिक रूप से साक्षर बनना; विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के अंतर्संबंधों से परिचित होना; पर्यावरण और स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति संवेदनशील होना; और कार्य जगत में प्रवेश के लिए व्यावहारिक कौशल प्राप्त करना।प्रयोग और परियोजनाओं के माध्यम से विज्ञान को एक समग्र अनुशासन के रूप में पढ़ाना।
उच्चतर माध्यमिक स्तरविशिष्ट विषयों (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) का पृथक विषयों के रूप में गहन अध्ययन; प्रयोग, समस्या-समाधान, और मुख्य अवधारणाओं की पहचान पर जोर।विशिष्ट, गहन अनुशासनात्मक ज्ञान और वैज्ञानिक पद्धति का कठोर अनुप्रयोग।

Bloom’s Taxonomy of Educational Objectives and Writing Objectives in Behavioural Terms (ब्लूम का शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण और व्यवहारिक पदों में उद्देश्य लेखन)

ब्लूम का वर्गीकरण (Bloom’s Taxonomy) 1956 में बेंजामिन ब्लूम द्वारा विकसित किया गया था और 2001 में संशोधित किया गया। यह संज्ञानात्मक गतिविधियों की गहराई को वर्गीकृत करने के लिए एक ढाँचा प्रदान करता है । यह शिक्षकों को उच्च-स्तरीय चिंतन कौशल (HOTS) को मापने योग्य क्रिया शब्दों के साथ जोड़ने में मदद करता है ।  

A. ब्लूम के संशोधित वर्गीकरण के स्तर (Bloom’s Revised Taxonomy Levels)

यह वर्गीकरण निम्न-स्तरीय सोच (LOTS) से उच्च-स्तरीय सोच (HOTS) की ओर बढ़ता है। जटिल समस्याओं को हल करने के लिए HOTS (विश्लेषण, मूल्यांकन, सृजन) आवश्यक है ।  

संज्ञानात्मक स्तरसोच का स्तरपरिभाषा (Definition)उदाहरण क्रियाएँ (Measurable Verbs)
1. याद करना (Remembering)निम्नपूर्व में सीखी गई जानकारी और तथ्यों को याद करना।परिभाषित करना, पहचानना, सूचीबद्ध करना, नाम बताना
2. समझना (Understanding)निम्नतथ्यों का अर्थ समझना और जानकारी को अपने शब्दों में प्रस्तुत करना।व्याख्या करना, वर्णन करना, सारांशित करना, अंतर बताना
3. लागू करना (Applying)निम्न/उच्चज्ञान, नियम या सिद्धांतों का नई और वास्तविक स्थितियों में उपयोग करना।प्रदर्शन करना, उपयोग करना, गणना करना, हल करना, चित्रण करना
4. विश्लेषण करना (Analyzing)उच्चविचारों या सामग्री को सरल भागों में तोड़ना और संबंधों को पहचानना।विभेद करना, जांच करना, व्यवस्थित करना, तार्किक त्रुटियों को पहचानना
5. मूल्यांकन करना (Evaluating)उच्चविचारों या मूल्यों के बारे में निर्णय लेना और उनकी पुष्टि करना।आंकना, न्यायसंगत ठहराना, निष्कर्ष निकालना, आलोचना करना
6. सृजन करना (Creating)उच्चतमघटकों को एक साथ जोड़कर एक नया समग्र रूप या संरचना बनाना (सबसे कठिन मानसिक कार्य) डिजाइन करना, योजना बनाना, निर्माण करना, विकसित करना, प्रस्तावित करना

B. व्यावहारिक पदों में उद्देश्य लेखन (Writing Objectives in Behavioural Terms)

उद्देश्यों को अवलोकन योग्य व्यवहार के रूप में लिखने के लिए मापने योग्य क्रिया शब्दों (Measurable Action Verbs) का उपयोग किया जाता है, जिन्हें आकलन के माध्यम से मापा जा सके ।  

  • SMART मापदंड: एक अच्छी तरह से लिखा गया उद्देश्य SMART सिद्धांतों का पालन करता है :  
  • Specific (विशिष्ट): स्पष्ट रूप से बताता है कि छात्र क्या करेंगे।
  • Measurable (मापने योग्य): परिणाम को परीक्षण, गृहकार्य या परियोजना के माध्यम से मापा जा सकता है।
  • Attainable (प्राप्त करने योग्य): छात्र आवश्यक पूर्व ज्ञान के साथ उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं।
  • Relevant (प्रासंगिक): कौशल पाठ्यक्रम के लिए उपयुक्त है।
  • Time-bound (समय-बद्ध): छात्र कब तक ज्ञान या कौशल का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे (जैसे, पाठ/इकाई के अंत तक) ।  

पाँच तत्व: एक प्रभावी उद्देश्य में निम्नलिखित 5 तत्व शामिल होने चाहिए: कौन, क्या करेगा, कितना/कितना अच्छा, किसका, और कब तक ।  

Lesson Planning – Importance and Basic Steps. Planning Lesson for an Explanation, Demonstration, and Numerical Problem in Teaching of Sciences (पाठ योजना)

पाठ योजना (Lesson Plan) शिक्षक का रोडमैप है, जो कक्षा के दौरान छात्र अधिगम के उद्देश्य, शिक्षण गतिविधियाँ और छात्र समझ की जाँच करने की रणनीतियों को एकीकृत करता है ।

A. महत्व और बुनियादी चरण

  1. उद्देश्यों की रूपरेखा: निर्धारित करें कि छात्र पाठ के अंत में क्या सीखेंगे। समय प्रबंधन के लिए उद्देश्यों को प्राथमिकता के क्रम में व्यवस्थित करना महत्वपूर्ण है ।
  2. गतिविधियों का विकास: उद्देश्यों के अनुरूप शिक्षण-अधिगम गतिविधियों को डिज़ाइन करना।
  3. समझ की जाँच: यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियाँ विकसित करना कि अधिगम के उद्देश्यों को प्राप्त किया गया है ।

B. विशिष्ट विज्ञान शिक्षण के लिए योजना (Planning for Specific Instruction)

1. व्याख्या के लिए योजना (Planning for Explanation)

  • रचनात्मकता का सिद्धांत: व्याख्या चरण को रचनात्मक (Constructivist) मॉडल (जैसे 5E मॉडल) का पालन करना चाहिए, जिसका अर्थ है कि व्याख्या हमेशा छात्रों के अन्वेषण (Explore) चरण के बाद आनी चाहिए (“Explore before Explain”) ।
  • शिक्षण क्रम: शिक्षक को पहले छात्रों को हाथों-हाथ की गतिविधियों के माध्यम से ज्ञान निर्माण का अवसर देना चाहिए। इसके बाद, शिक्षक औपचारिक शब्दावली और अवधारणाओं को स्पष्ट करता है, उन्हें छात्रों के अनुभवों से जोड़ता है ।

Planning for Specific Instruction

विशिष्ट विज्ञान शिक्षण के लिए योजना

Lesson Plan for Explanation Method (व्याख्या विधि के लिए पाठ योजना)

Topic: States of Matter
Class: VIII
Subject: Science
Duration: 40 minutes
Teaching Method: Explanation (Constructivist Approach – 5E Model)

Lesson Objectives (उद्देश्य)

पाठ के अंत में छात्र:

  • ठोस, द्रव और गैस की पहचान कर सकेंगे
  • उनके गुणों की व्याख्या कर सकेंगे

Step–wise Lesson Plan (Explanation)

Teaching StepTeacher ActivityStudent ActivityPedagogy
Engageरोजमर्रा के उदाहरण पूछता है (पानी, हवा)उत्तर देते हैंPrior Knowledge
Exploreसमूह में वस्तुओं को छूने/देखने देता हैअवलोकन करते हैंExperiential Learning
Explainअवस्थाओं की परिभाषा समझाता हैध्यानपूर्वक सुनते हैंConstructivism
Elaborateनए उदाहरण देता हैप्रश्न पूछते हैंConceptual clarity
Evaluateमौखिक प्रश्नउत्तर देते हैंFormative Assessment
Example (उदाहरण)

बर्फ → पानी → भाप का उदाहरण देकर अवस्था परिवर्तन समझाया जाता है।

2. प्रदर्शन के लिए योजना (Planning for Demonstration)

प्रदर्शन (Demonstration) उन प्रयोगों के लिए उपयुक्त है जो सुरक्षा कारणों से या जटिलता के कारण व्यक्तिगत रूप से करने के लिए अनुपयुक्त हैं। योजना में निम्नलिखित शामिल होना चाहिए:

पूर्व ज्ञान से जुड़ाव: प्रश्नों या उद्दीपकों (Stimuli) का उपयोग करके प्रदर्शन को छात्रों के मौजूदा ज्ञान से जोड़ना (उदाहरण के लिए, अम्ल समझाने से पहले छात्रों से खट्टे खाद्य पदार्थों की सूची बनाने के लिए कहना) ।  

सफलता मानदंड: पाठ के लिए सफलता मानदंड (Success Criteria) स्पष्ट रूप से साझा करना (जैसे, “शिक्षार्थी यह जाँचने में सक्षम होंगे कि कोई पदार्थ अम्लीय है या नहीं”) ।  

सुरक्षा और अवलोकन: विस्तृत सुरक्षा सावधानियाँ और छात्रों को अवलोकन रिकॉर्ड करने के लिए स्पष्ट निर्देश देना।

Lesson Plan for Demonstration Method (प्रदर्शन विधि के लिए पाठ योजना)

Topic: Acids and Bases

Class: VII

Method: Demonstration

Duration: 40 minutes

Objectives (उद्देश्य)

छात्र:

  • अम्लीय और क्षारीय पदार्थों की पहचान कर सकेंगे
  • लिटमस पेपर का सही उपयोग समझेंगे

Lesson Plan Structure (Demonstration)

StepTeacher RoleStudent Role
Introductionखट्टे पदार्थों के उदाहरण पूछता हैउत्तर देते हैं
Statement of Aimप्रयोग का उद्देश्य बताता हैध्यान देते हैं
Demonstrationलिटमस प्रयोग दिखाता हैअवलोकन करते हैं
Observationपरिणाम बोर्ड पर लिखता हैनोट्स बनाते हैं
Safetyसुरक्षा निर्देश देता हैपालन करते हैं
Evaluationप्रश्न पूछता हैउत्तर देते हैं

Example (उदाहरण)

नींबू का रस → नीला लिटमस → लाल
साबुन का घोल → लाल लिटमस → नीला

Pedagogical Value

  • सुरक्षित अधिगम
  • स्पष्ट अवधारणा
  • अवलोकन कौशल का विकास

3. संख्यात्मक समस्या के लिए योजना (Planning for Numerical Problem)

यह योजना वैज्ञानिक सिद्धांतों को लागू करने के कौशल (Applying level) पर केंद्रित होती है। योजना को एक तार्किक अनुक्रम का पालन करना चाहिए:

  1. समस्या की पहचान: समस्या और वांछित लक्ष्य (Goal) को स्पष्ट रूप से बताना ।
  2. सूचना संग्रह: आवश्यक वैज्ञानिक सिद्धांत या सूत्र की पहचान करना।
  3. समाधान का प्रदर्शन: शिक्षक द्वारा चरण-दर-चरण समाधान का प्रदर्शन, यह दिखाते हुए कि सिद्धांत को कैसे लागू किया जाता है। (उदाहरण: वैज्ञानिक संकेतन में गुणन करते समय, यह विस्तृत करना कि संख्याओं का गुणा किया जाता है और घातों को जोड़ा जाता है, जैसे (4×105)×(2×103) का परिणाम 8×108 होता है) ।  
  4. मूल्यांकन: छात्रों को अभ्यास के लिए पर्याप्त समय देना और समाधान का परीक्षण तथा मूल्यांकन करना ।

Lesson Plan for Numerical Problem (संख्यात्मक समस्या के लिए पाठ योजना)

Topic: Scientific Notation

Class: IX

Method: Problem Solving

Duration: 40 minutes

Objectives (उद्देश्य)

छात्र:

  • वैज्ञानिक संकेतन को समझ सकेंगे
  • संख्यात्मक समस्याएँ हल कर सकेंगे

Step–wise Planning for Numerical Problem

StepDescription
Problem Identificationसमस्या को स्पष्ट करना
Given Dataदिए गए मान लिखना
Formula Selectionउपयुक्त सूत्र चुनना
Solutionचरण-दर-चरण हल
Answerअंतिम उत्तर
Evaluationअभ्यास प्रश्न

Example Problem (उदाहरण)

(4×105)×(2×103)(4 × 10^5) × (2 × 10^3)

Step 1: संख्याओं का गुणन4×2=84 × 2 = 8

Step 2: घातों को जोड़ना105×103=10810^5 × 10^3 = 10^8

Final Answer:8×1088 × 10^8

Pedagogical Focus

  • Applying level (Bloom’s Taxonomy)
  • Logical thinking
  • Stepwise reasoning

Evaluation Techniques (मूल्यांकन)

  • मौखिक प्रश्न
  • लिखित अभ्यास
  • Blackboard work
  • गृहकार्य

Unit Planning – Format of A Unit Plan (इकाई योजना का प्रारूप)

इकाई योजना (Unit Plan) एक व्यापक खाका है जो पाठ्यक्रम के कई पाठों को एक सामान्य विषय या अवधारणा के तहत समूहित करता है । यह पाठ्यक्रम की बड़ी तस्वीर (Scope and Sequence) और दैनिक पाठ योजना के बीच की कड़ी है।

A. दायरा और अनुक्रम (Scope and Sequence)

  • दायरा (Scope): वे सभी विषय, अवधारणाएँ और कौशल जो पूरे पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाएँगे ।
  • अनुक्रम (Sequence): वह तार्किक क्रम जिसमें इन विषयों को पढ़ाया जाएगा, ताकि अधिगम में निरंतरता और सुसंगतता बनी रहे ।

B. इकाई योजना के घटक (Components of Unit Plan)

एक प्रभावी इकाई योजना में निम्नलिखित तत्व शामिल होने चाहिए :

  1. विषय/बड़ा विचार (Big Idea/Topic): इकाई का केंद्रीय विषय या आवश्यक प्रश्न (Essential Question) जो सभी पाठों को जोड़ता है।
  2. अधिगम परिणाम और इकाई उद्देश्य (Learning Outcomes & Objectives): उद्देश्य पाठ्यक्रम के व्यापक परिणामों के साथ संरेखित होने चाहिए।
  3. कक्षा विशेषताएँ (Class Characteristics): छात्रों की महत्वपूर्ण विशेषताओं (पूर्व ज्ञान, भाषा विकास, विविध आवश्यकताएँ) का वर्णन, ताकि शिक्षण को बाल-केंद्रित बनाया जा सके ।
  4. सामग्री का अनुक्रम (Sequence of Content): विषय-वस्तु को व्यवस्थित करना, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि अवधारणाएँ सरल से जटिल (Scaffolding) की ओर बढ़ें ।
  5. आकलन (Assessments): यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े योगात्मक आकलन (Summative Assessments) को मैप करना कि सभी इकाई उद्देश्यों का मूल्यांकन किया जाए ।
  6. निरंतरता (Continuity): यह स्पष्ट करना कि यह इकाई पिछली और अगली इकाई से कैसे जुड़ी हुई है।

Pedagogical Analysis: Meaning and Need. Guidelines for Conducting Pedagogical Analysis (शैक्षणिक विश्लेषण: अर्थ, आवश्यकता और दिशा-निर्देश)

शैक्षणिक विश्लेषण (Pedagogical Analysis – PA) किसी विषय वस्तु के सफल शिक्षण के लिए आवश्यक व्यवस्थित और वैचारिक तैयारी है। यह शैक्षणिक विषय-वस्तु ज्ञान (PCK) की नींव है ।

A. अर्थ और आवश्यकता (Meaning and Need)

  • अर्थ: PA में पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु को अर्थपूर्ण घटकों में तोड़ना, प्रत्येक घटक के लिए निर्देशात्मक उद्देश्यों का पूर्वानुमान लगाना, और इन उद्देश्यों के अनुकूल अधिगम के अनुभव और मूल्यांकन रणनीतियों को डिजाइन करना शामिल है ।
  • आवश्यकता: PA अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह शिक्षक को शिक्षण को सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक बनाने में मदद करता है। इसके मुख्य लाभ हैं :
    1. शिक्षण की सुगमता और व्यवस्थितता सुनिश्चित करना।
    2. न्यूनतम प्रयास से अधिकतम परिणाम सुनिश्चित करना।
    3. शिक्षक और छात्रों दोनों में वैचारिक स्पष्टता (Conceptual Clarity) लाना।
    4. समय और अन्य आवश्यक संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन करना।
    5. सतत और व्यापक मूल्यांकन (CCE) के लिए रणनीतियों का पूर्वाभास करना।

B. शैक्षणिक विश्लेषण के दिशा-निर्देश और चरण (Guidelines for Conducting Pedagogical Analysis)

PA एक व्यवस्थित चार-चरणीय प्रक्रिया है :

  1. विषय-वस्तु विश्लेषण (Content Analysis):
    • कार्य: इकाई, विषय या एकल अवधारणा को तार्किक रूप से उप-घटकों (अवधारणाओं, सिद्धांतों, कौशलों) में तोड़ना।
    • लक्ष्य: शिक्षण की व्यवस्थितता और विषय-वस्तु की स्पष्टता स्थापित करना ।
  2. व्यवहारगत उद्देश्यों का निर्धारण (Defining Behavioral Objectives):
    • कार्य: ब्लूम के वर्गीकरण का उपयोग करके विषय वस्तु के लिए शिक्षण लक्ष्यों को ठोस व्यवहारगत पदों में परिभाषित करना।
    • लक्ष्य: मापने योग्य सीखने के परिणामों का निर्धारण करना ।
  3. शिक्षण रणनीतियों का सुझाव (Suggesting Strategies and Aids):
    • कार्य: निर्धारित उद्देश्यों की उपलब्धि के अनुकूल शिक्षण विधियों (जैसे पूछताछ, प्रदर्शन) और सहायक सामग्री (TLM) के लिए सुझाव देना ।
    • लक्ष्य: यह सुनिश्चित करना कि चयनित रणनीति वांछित सीखने के परिणामों को प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम है।
  4. मूल्यांकन उपकरणों की सिफारिश (Recommending Assessment Tools):
    • कार्य: शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के परिणामों का आकलन करने के लिए उपयुक्त मूल्यांकन उपकरणों (जैसे परीक्षण, मौखिक, व्यावहारिक गतिविधियाँ) की सिफारिश करना ।
    • लक्ष्य: मूल्यांकन को उद्देश्यों से सीधे जोड़ना और CCE की रणनीति बनाना ।

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