विज्ञान शिक्षण के दृष्टिकोण और विधियाँ
विज्ञान शिक्षण की शिक्षाशास्त्र (Pedagogy of Teaching Science) एक गतिशील क्षेत्र है जिसके लिए शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के उपागमों (Approaches) और विधियों (Methods) का ज्ञान आवश्यक है। विशेष रूप से बी.एड. विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम के संदर्भ में, एक शिक्षक को छात्रों की विविध सीखने की शैलियों, क्षमताओं और दिव्यांगताओं (CWD) के अनुरूप शिक्षण डिज़ाइन करने में सक्षम होना चाहिए । यह इकाई इस बात पर जोर देती है कि विज्ञान को सक्रिय रूप से सीखने और ज्ञान का निर्माण (Construction of Knowledge) करने के लिए किन रणनीतियों का उपयोग किया जाना चाहिए।
मूलभूत शैक्षिक सिद्धांत और प्रक्रियाएँ (Foundational Pedagogic Principles and Processes)
Pedagogic principles, Process Approach, Direct Experience Approach, Inductive-Deductive Approach (शैक्षिक सिद्धांत, प्रक्रिया उपागम, प्रत्यक्ष अनुभव उपागम, आगमनात्मक-निगमनात्मक उपागम)
A. Pedagogic Principles (शैक्षिक सिद्धांत)
विज्ञान शिक्षण निम्नलिखित मौलिक सिद्धांतों पर आधारित है:
- वैज्ञानिक ज्ञान की अस्थिरता (Tentativeness of Scientific Knowledge): वैज्ञानिक ज्ञान प्रकृति में अस्थिर (Tentative) होता है। यद्यपि यह प्रचुर साक्ष्यों द्वारा समर्थित होता है, इसे अंतिम सत्य नहीं माना जाता है । वैज्ञानिक निष्कर्ष लगातार परीक्षण और चुनौती के अधीन रहते हैं ।
- शैक्षणिक निहितार्थ: शिक्षक को विज्ञान को हठधर्मी (Dogmatic) नहीं मानना चाहिए । कक्षा में थॉमसन के प्लम पुडिंग मॉडल या रदरफोर्ड के मॉडल जैसी परमाणु संरचना मॉडलों की सीमाओं पर चर्चा करके यह स्पष्ट किया जा सकता है कि नए साक्ष्यों के आलोक में पुराने मॉडल कैसे संशोधित होते हैं । यह छात्रों में आलोचनात्मक चिंतन (Critical Thinking) और विनम्रता (Humility) विकसित करता है।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास (Development of Scientific Attitude): विज्ञान शिक्षण का उद्देश्य वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण (Objective Outlook), जाँच-पड़ताल की भावना (Spirit of Enquiry), सत्यनिष्ठा (Truthfulness), सटीकता (Accuracy) और अपर्याप्त डेटा पर जल्दबाजी में निष्कर्ष से बचने जैसे नैतिक और संज्ञानात्मक दृष्टिकोणों का विकास करना है ।
- प्रक्रिया की वैधता (Process Validity): पाठ्यचर्या को विद्यार्थी को उन प्रक्रियाओं (जैसे अवलोकन, प्रयोग) को अर्जित करने में व्यस्त रखना चाहिए जो उसे वैज्ञानिक जानकारी के पुष्टिकरण व सृजन करने की ओर बढ़ाएँ ।
B. Process Approach (प्रक्रिया उपागम)
प्रक्रिया उपागम वैज्ञानिक जाँच के लिए आवश्यक बौद्धिक और शारीरिक कौशल विकसित करने पर केंद्रित है ।
- आधारभूत कौशल (Basic Skills): अवलोकन (Observation), वर्गीकरण/तुलना (Classification/Comparison), मापन (Measurement) आदि ।
एकीकृत कौशल (Integrated Skills):
- प्रयोग करना (Experimenting): यह एक जटिल उच्च-क्रम कौशल है जिसमें एक उपयुक्त प्रश्न पूछना, एक परिकल्पना (Hypothesis) बताना, चरों (Variables) की पहचान करना और उन्हें नियंत्रित करना, और प्रयोग के परिणामों की व्याख्या करना शामिल है ।
प्रतिरूपण (Formulating Models): किसी प्रक्रिया या घटना का मानसिक या भौतिक मॉडल बनाना (उदाहरण: जल चक्र में वाष्पीकरण और संघनन की प्रक्रियाओं को जोड़ना) ।
C. Direct Experience Approach (प्रत्यक्ष अनुभव उपागम)
इसे “हाथों-हाथ विज्ञान गतिविधियाँ” (Hands-on Activities) या करके सीखना (Learning by Doing) भी कहा जाता है । यह उपागम छात्रों को सीधे सामग्री के साथ जुड़ने की अनुमति देता है, जिससे वैचारिक समझ और प्रतिधारण में वृद्धि होती है ।
- समावेशी अनुकूलन:
- अनैच्छिक अधिगम का अभाव: दृष्टिबाधित (VI) बच्चों में आकस्मिक शिक्षण (Incidental Learning) की कमी होती है, इसलिए उन्हें कई अवधारणाओं को सीखने के लिए बार-बार प्रत्यक्ष अनुभव (Repeated Hands-on Experience) की आवश्यकता होती है ।
सामग्री का विविधीकरण: VI/CWD छात्रों के लिए, टैक्टाइल ग्राफिक्स (स्पर्शनीय आरेख), 3D मॉडल (जैसे: DNA संरचना के लिए विभिन्न बनावट वाले फोम मॉडल ), और वास्तविक सामग्री (चट्टानें, बीज) प्रदान करें ।
लो विज़न डिवाइस (Low Vision Devices): छात्रों को फील्ड स्टडी के दौरान आवर्धक (Magnifiers) या मोनोक्यूलर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें ।
D. Inductive-Deductive Approach (आगमनात्मक-निगमनात्मक उपागम)
| विशेषता | आगमनात्मक उपागम (Inductive Approach) | निगमनात्मक उपागम (Deductive Approach) |
| शुरुआत | विशिष्ट प्रेक्षणों, केस स्टडी या समस्याओं से शुरू होता है। | एक सामान्य सिद्धांत या नियम से शुरू होता है। |
| प्रक्रिया | पैटर्न की तलाश (Searching for patterns) करके सामान्य निष्कर्ष तक पहुंचना । | सामान्य सिद्धांत को विशिष्ट अनुप्रयोगों पर लागू करके परीक्षण करना । |
| उदाहरण | प्रयोगशाला में विभिन्न धातुओं के विस्तार को मापकर ‘धातुएँ गर्म होने पर फैलती हैं’ सिद्धांत गढ़ना । | गुरुत्वाकर्षण के नियम को समझाना, फिर उस नियम का उपयोग करके एक विशिष्ट प्रक्षेप्य की गति को हल करना। |
| CWD के लिए लाभ | सीखने के लिए मजबूत प्रेरणा प्रदान करता है । अमूर्तता से बचता है (Starts Concrete) । | बुनियादी सामग्री की महारत के लिए कुशल (Efficient) है, विशेष रूप से उच्च-स्तरीय समीक्षा के लिए। |
विशिष्ट संगठनात्मक विधियाँ (Specific Organizational Methods)
Lecture, Demonstration, Discussion, Problem-solving, Concept-mapping, Programmed Instruction, Team Teaching, Seminar, Computer Assisted Learning (CAL) (व्याख्यान, प्रदर्शन, चर्चा, समस्या-समाधान, अवधारणा-मानचित्रण, क्रमादेशित अनुदेशन, टीम शिक्षण, संगोष्ठी, कंप्यूटर सहायता प्राप्त शिक्षण)
A. Lecture (व्याख्यान) और Demonstration (प्रदर्शन)
| विधि | प्रक्रिया और उद्देश्य | CWD के लिए समावेशी अनुकूलन (Adaptations) |
| व्याख्यान (Lecture) | जानकारी को कुशलता से, एक सुनियोजित तरीके से वितरित करना। शिक्षक को सामग्री पर नियंत्रण प्रदान करना । | सामग्री का विखंडन (Segmentation): व्याख्यान को छोटे, 10-15 मिनट के खंडों में विभाजित करें। दृश्य/ग्राफिक्स का उपयोग करें । पलटने वाला व्याख्यान (Flipped Lecture) दें ताकि कक्षा का समय चर्चा के लिए मुक्त हो । |
| प्रदर्शन (Demonstration) | शिक्षक द्वारा एक प्रक्रिया या अवधारणा का प्रदर्शन, खासकर जटिल या खतरनाक प्रयोगों के लिए । मनोप्रेरक उद्देश्य प्राप्त करता है । | सक्रिय अवलोकन: छात्रों को विस्तृत अवलोकन पत्रक प्रदान करें। चलन दिव्यांगता (Locomotor Disability) वाले छात्रों के लिए देखने के लिए सर्वोत्तम स्थान सुनिश्चित करें । |
B. Discussion (चर्चा) और Seminar (संगोष्ठी)
- उद्देश्य: ये विधियाँ छात्रों में आलोचनात्मक चिंतन, विचारों की रक्षा करने की क्षमता, और विपरीत विचारों के प्रति सहिष्णुता (Tolerance to opposite ideas) का विकास करती हैं 。 सेमिनार में अक्सर सुकराती पद्धति (Socratic Method) का उपयोग किया जाता है ।
समावेशी अनुकूलन:
- संरचित भागीदारी: मौखिक अभिव्यक्ति में कठिनाई वाले छात्रों के लिए, चर्चा से पहले अपने विचारों को लिखित सारांश या अवधारणा मानचित्र के रूप में तैयार करने की अनुमति दें।
कक्षा व्यवस्था: छात्रों को एक-दूसरे को देखने के लिए गोलाकार या चौकोर व्यवस्था में बैठना चाहिए ।
C. Problem-solving (समस्या-समाधान)
समस्या-समाधान वैज्ञानिक पद्धति का एक संरचित अनुप्रयोग है । मुख्य चरण: समस्या को परिभाषित करना , परिकल्पना बनाना , परिकल्पना का परीक्षण (प्रयोग) , डेटा एकत्र और विश्लेषण करना, और निष्कर्ष निकालना ।
- समावेशी अनुकूलन:
- अपघटन (Decomposition): ID/SLD छात्रों के लिए, जटिल समस्या-समाधान प्रक्रिया को छोटे, स्पष्ट, तार्किक चरणों (Small, logical steps) में तोड़ दें ।
दृश्य मचान (Visual Scaffolding): आरेख, ग्राफिक्स और चेकलिस्ट का उपयोग करें ताकि छात्र योजना और अनुक्रमण (Sequencing) में गलती न करें ।
D. Concept-mapping (अवधारणा-मानचित्रण)
अवधारणा मानचित्रण एक दृश्य उपकरण है जो पदानुक्रम (Hierarchy) और विचारों के बीच अंतर्संबंधों (Interconnections) को दर्शाता है ।
| चरण (Steps) | उदाहरण (Example) |
| 1. प्रमुख अवधारणाओं की सूची बनाएं। | ऊष्मा, संवहन, चालन, विकिरण, तापमान, अणु, गतिज ऊर्जा। |
| 2. सबसे सामान्य और विशिष्ट अवधारणाओं की पहचान करें। | सबसे सामान्य: ऊष्मा; विशिष्ट: चालन (धातु में)। |
| 3. अवधारणाओं को व्यवस्थित करें (सामान्य से विशिष्ट) और रेखाएँ खींचें। | सबसे ऊपर ऊष्मा रखें। |
| 4. रेखाओं को “लिंकिंग शब्दों” (Linking Words) से लेबल करें। | ऊष्मा (बदलती है) -> तापमान; ऊष्मा (स्थानांतरित होती है द्वारा) -> चालन। |
| शैक्षणिक लाभ: | गहन वैचारिक समझ और बेहतर प्रतिधारण । यह CWD छात्रों को अमूर्त संबंधों को नेत्रहीन रूप से देखने में मदद करता है । |
E. Programmed Instruction (PI) and Computer Assisted Learning (CAL) (क्रमादेशित अनुदेशन और कंप्यूटर सहायता प्राप्त शिक्षण)
- क्रमादेशित अनुदेशन (PI): यह सामग्री को संरचित “फ्रेम” में प्रस्तुत करता है ।
- विशेषताएँ: आत्म-गति से सीखना (Self-Paced) , तत्काल प्रतिक्रिया (Immediate Feedback) , और संरचित अनुक्रम (Structured Sequence) ।
- समावेशन: यह विशेष रूप से बौद्धिक अक्षमता (ID) वाले छात्रों के लिए आवश्यक व्यक्तिगत सीखने (Individualized Learning) प्रदान करता है ।
- कंप्यूटर सहायता प्राप्त शिक्षण (CAL): कोई भी कंप्यूटर-मध्यस्थ शिक्षण जिसमें मानव प्रशिक्षक की आवश्यकता नहीं होती ।
- वर्चुअल लैब्स (Virtual Labs): ये CAL का एक महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं, जो सिमुलेशन-आधारित लैब्स तक दूरस्थ पहुँच प्रदान करती हैं । समावेशन: ये CWD के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और संसाधन की कमी को दूर करते हैं । RCI भी सहायक तकनीक (Assistive Technology) के उपयोग का समर्थन करता है ।
F. Team Teaching (टीम शिक्षण)
टीम शिक्षण में सामान्य शिक्षा शिक्षक और विशेष शिक्षा शिक्षक समान रूप से (as equals) निर्देश, योजना और छात्रों की सहायता करने की जिम्मेदारी साझा करते हैं ।
- उद्देश्य: यह एक समावेशी कक्षा वातावरण बनाता है और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करता है ।
अनुकूलन: विशेष शिक्षा शिक्षक IEPs वाले छात्रों के लिए आवश्यक अनुकूलन (Accommodations) और प्रक्रिया संशोधन (Process Modifications) प्रदान करता है ।
जाँच, सहयोगी और प्रासंगिक शिक्षण (Inquiry, Collaborative and Contextual Learning)
Project Method, Survey, Field-inquiry and Heuristic Method (परियोजना, सर्वेक्षण, क्षेत्र-जांच और अनुमानी विधि)
- परियोजना विधि (Project Method): यह विधि उद्देश्यपूर्ण, वास्तविक जीवन की गतिविधियों पर आधारित है। प्रोजेक्ट को उप-कार्यों में विभाजित करके, विभेदीकरण आसानी से किया जा सकता है।
- क्षेत्र-जांच (Field-Inquiry): जाँच को वास्तविक दुनिया के संदर्भ में स्थापित करती है । समावेशन: सर्वे के दौरान पीयर ट्यूटरिंग का उपयोग किया जा सकता है ताकि गतिशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित हो।
- अनुमानी विधि (Heuristic Method): यह वैज्ञानिक तर्क (Scientific Argument) सिखाने पर केंद्रित है ।
- SWH/CER फ्रेमवर्क: यह विधि छात्रों को दावे (Claims), साक्ष्य (Evidence) और तर्क (Reasoning) के बीच स्पष्ट और बचाव योग्य संबंध बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है । यह उन्हें ज्ञान निर्माण की प्रक्रिया से जोड़ता है।
Creating Different Situations of Learning Engagement with reference to Children with Disabilities (CWD) (दिव्यांग बच्चों के संदर्भ में सीखने की सहभागिता की विभिन्न स्थितियाँ बनाना)
A. Group Learning and Individual Learning (समूह और व्यक्तिगत शिक्षण)
समावेशी शिक्षा में, किसी भी समूह गतिविधि का ध्यान व्यक्तिगत उपलब्धि, व्यक्तिगत प्रगति और व्यक्तिगत सीखने पर होना चाहिए ।
- प्राथमिकता: समूह या पाठ्यक्रम की चिंताएँ व्यक्तिगत छात्र की चिंता पर हावी नहीं होनी चाहिए । शिक्षक को सामग्री समायोजन (Simplifying Reading Materials) और प्रक्रिया संशोधन (Using Visual Aids, Small-Group Instruction) का उपयोग करना चाहिए ।
B. Cooperative Learning (सहयोगी शिक्षण)
- जिक्सॉ रणनीति (Jigsaw Strategy): यह एक शक्तिशाली सहयोगी रणनीति है जो समूहों के बीच अंतर-निर्भरता (Interdependence) स्थापित करती है, क्योंकि प्रत्येक छात्र एक विषय पर “विशेषज्ञ” बनता है ।
- समावेशी अनुकूलन: जिक्सॉ स्वाभाविक रूप से विभेदीकरण की अनुमति देता है । दृष्टिबाधित छात्रों के लिए, पहेली के टुकड़ों को स्पर्शनीय प्रतीकों (Tactile Symbols) या ग्रिड प्रणाली के साथ डिज़ाइन किया जा सकता है ताकि वे छूकर अंतर कर सकें ।
- पीयर-ट्यूटरिंग (Peer-Tutoring): यह एक संरचित सहकारी रणनीति है ।
- अनुकूलन: श्रवण बाधित (Hard of Hearing) छात्रों के लिए, ट्यूटरों को विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए: संचार के तरीकों का निर्धारण, छात्र के सामने बैठना, और सहायक श्रवण उपकरणों (Assistive Listening Devices) का उपयोग करना । यह रणनीति शांत वातावरण में सबसे अच्छा काम करती है ।
C. Situated/Contextual Learning (स्थितिजन्य/प्रासंगिक शिक्षण)
स्थितिजन्य शिक्षण (Situated Learning) में ज्ञान को वास्तविक दुनिया के संदर्भ से जोड़ा जाता है, जिससे यह सीखने वाले के लिए सार्थक और प्रामाणिक बन जाता है ।
- महत्व: यह VI/DB (Deafblindness) छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें व्याख्या और निर्देश के बिना दुनिया के साथ जुड़ने में कठिनाई होती है। शिक्षक को इंटरेक्शन और बॉन्डिंग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि छात्र विश्वास महसूस करें ।
आधुनिक वैचारिक दृष्टिकोण (Modern Conceptual Approaches)
Constructivist, phenomenological and computational thinking approaches and their application in Teaching Science (निर्माणवादी, घटनात्मक और अभिकलनात्मक चिंतन दृष्टिकोण)
A. Constructivist Approach (निर्माणवादी दृष्टिकोण)
निर्माणवाद का सिद्धांत यह है कि शिक्षार्थी सक्रिय रूप से अपने ज्ञान का निर्माण करते हैं । शिक्षक सुविधाप्रदाता (Facilitator) के रूप में कार्य करता है ।
- 5E निर्देशात्मक मॉडल (5E Instructional Model): यह निर्माणवादी जाँच-आधारित शिक्षण की योजना बनाने के लिए एक संरचित ढाँचा है ।
- Explore before Explain (अन्वेषण से पहले व्याख्या नहीं): यह सुनिश्चित करता है कि छात्र पहले प्रयोग या अन्वेषण (Explore) करें, और उसके बाद ही शिक्षक औपचारिक व्याख्या (Explain) प्रस्तुत करें ।
- लाभ: 5E मॉडल वैज्ञानिक अवधारणाओं के काफी बेहतर अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है ।
B. Phenomenological Approach (घटनात्मक दृष्टिकोण)
यह दृष्टिकोण व्यक्तिगत रूप से ‘जिए हुए अनुभव’ (Lived Experience) के अर्थ को समझने पर केंद्रित है । विज्ञान शिक्षण में, यह अमूर्त सिद्धांत से पहले प्रत्यक्ष, संवेदी अनुभव को प्राथमिकता देता है ।
- अनुप्रयोग:
- उदाहरण: कक्षा VII के छात्र मोम और ऊष्मा स्रोत का उपयोग करके चालकता (Conductivity) के सिद्धांत को समझते हैं ।
- यह दृष्टिकोण 5E मॉडल के Engage और Explore चरणों के लिए एक ठोस संवेदी आधार बनाता है।
C. Computational Thinking (CT) Approach (अभिकलनात्मक चिंतन दृष्टिकोण)
अभिकलनात्मक चिंतन (CT) एक व्यापक कौशल है जिसमें जटिल समस्याओं को हल करने के लिए अपघटन (Decomposition), अमूर्तन (Abstraction), और प्रतिरूपण (Modeling) शामिल है । CT कौशल अब पढ़ने और लिखने जितना ही मौलिक माना जाता है ।
- विज्ञान में अनुप्रयोग:
- अपघटन: Problem-Solving और जटिल वैज्ञानिक जाँच की प्रक्रिया को घटक भागों में तोड़ने में मदद करता है ।
- अमूर्तन: भौतिकी में प्रतिरूप (Models) बनाते समय अनावश्यक विवरणों को हटाकर समस्या के महत्वपूर्ण भागों पर ध्यान केंद्रित करने में छात्रों की मदद करता है ।
- लाभ: CT के सिद्धांत Heuristic Inquiry के लिए संरचित मचान (Structured Scaffolding) प्रदान करते हैं, जिससे वैज्ञानिक तर्क और अमूर्तन में CWD की क्षमता बढ़ती है ।
वैचारिक संश्लेषण (Conceptual Synthesis)
विधि, उद्देश्य और समावेशी अनुकूलन (Method, Purpose, and Inclusive Adaptation)
| शिक्षण विधि (Method) | मुख्य उद्देश्य (Primary Objective) | CWD के लिए समावेशी अनुकूलन (Inclusive Adaptation) | संदर्भ |
| निर्माणवादी (5E Model) | ज्ञान का सक्रिय निर्माण; HOTS का विकास। | Explore before Explain द्वारा संरचित जांच; सामग्री के अधिग्रहण में महत्वपूर्ण सुधार । | |
| प्रत्यक्ष अनुभव/घटनात्मक | संवेदी अनुभव के माध्यम से अमूर्त अवधारणाओं को मूर्त आधार देना। | टैक्टाइल मॉडल (DNA), आवर्धक, और बार-बार हाथों-हाथ अनुभव । | |
| समस्या-समाधान | वैज्ञानिक तर्क और समस्या-समाधान कौशल का अनुप्रयोग। | दृश्य चेकलिस्ट का उपयोग करके समस्या को अपघटन (Decomposition) द्वारा छोटे चरणों में तोड़ना । | |
| अवधारणा-मानचित्रण | विचारों के बीच पदानुक्रम और अंतर्संबंधों को नेत्रहीन रूप से दर्शाना। | गैर-मौखिक मूल्यांकन और अमूर्त संबंधों को समझने के लिए दृश्य आयोजक । | |
| जिक्सॉ/पीयर ट्यूटरिंग | सहकर्मी समर्थन और अंतर-निर्भरता के माध्यम से सहयोगात्मक अधिगम। | जिक्सॉ में विभेदित विशेषज्ञ समूह बनाना ; श्रवण बाधित छात्रों के लिए ट्यूटरों का विशेष प्रशिक्षण । | |
| CAL/क्रमादेशित अनुदेशन | आत्म-गति से सीखने (Self-Paced Learning) के माध्यम से व्यक्तिगत महारत। | सुरक्षित वर्चुअल लैब्स (Virtual Labs) का उपयोग; तत्काल प्रतिक्रिया (Immediate Feedback) प्रदान करना । | |
| टीम शिक्षण | कक्षा में विशेष शिक्षा और सामग्री विशेषज्ञता को एकीकृत करना। | विशेष शिक्षक द्वारा अनुकूलन (Accommodation) और IEP कार्यान्वयन सुनिश्चित करना । |
विज्ञान शिक्षण उपागमों की एकीकृत रूपरेखा (Integrated Framework for Science Teaching Approaches)
| केंद्र बिंदु (Focus) | उपागम (Approach) | लक्ष्य/कौशल (Goal/Skill) | CWD अनुकूलन (CWD Adaptation) |
| ज्ञान निर्माण का आधार | Constructionism (निर्माणवाद) | छात्र को सक्रिय सुविधाप्रदाता बनाना । | 5E मॉडल का संरचित अनुप्रयोग । |
| प्रासंगिकता | Situated/Contextual Learning | ज्ञान को वास्तविक दुनिया और कार्यात्मक कौशल से जोड़ना । | प्रत्यक्ष अनुभव को दोहराना; सीखने को इंटरेक्शन और बॉन्डिंग पर केंद्रित करना । |
| प्रक्रिया | Process Approach (प्रक्रिया उपागम) | वैज्ञानिक प्रक्रिया कौशल (अवलोकन, प्रयोग) विकसित करना । | टास्क अपघटन (Task Decomposition) और अनुक्रमित चेकलिस्ट का उपयोग । |
| तर्क/तर्कणा | Heuristic Method / CT | दावे (Claims) और साक्ष्य (Evidence) पर आधारित वैज्ञानिक तर्क (Argumentation) । | Abstaction के लिए Model का उपयोग; Decomposition द्वारा जटिल समस्याओं को तोड़ना । |
| वितरण | Cooperative Learning (सहयोगी शिक्षण) | सहकर्मी ट्यूटरिंग, अंतर-निर्भरता और समूह जवाबदेही । | Jigsaw द्वारा विभेदित पाठ ; ट्यूटरिंग में विशेष संचार प्रशिक्षण । |
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