Learning characteristics of students with ID

बौद्धिक अक्षमता वाले छात्रों की सीखने की विशेषताएं

🧠 Basic Understanding of Intellectual Disability (ID)

Intellectual Disability (ID), जिसे पहले ‘Mental Retardation’ (मानसिक मंदता) कहा जाता था, एक न्यूरो-डेवलपमेंटल विकार है। यह “बीमारी” नहीं है, बल्कि एक “अवस्था” है।

A. Definition (परिभाषा)

AAIDD (American Association on Intellectual and Developmental Disabilities) & RPWD Act 2016 के अनुसार, ID की पहचान तीन प्रमुख मानदंडों (Criteria) से होती है:

  1. Intellectual Functioning (बौद्धिक कार्यक्षमता):
    • इसमें तर्क करना, योजना बनाना, समस्या सुलझाना, और अमूर्त सोच (Abstract thinking) शामिल है।
    • इसे IQ टेस्ट द्वारा मापा जाता है। आमतौर पर IQ स्कोर 70 से कम होना चाहिए।
  2. Adaptive Behavior (अनुकूली व्यवहार):
    • दैनिक जीवन के कौशल में कमी। यह तीन क्षेत्रों में होता है:
      • Conceptual: भाषा, पढ़ना, लिखना, पैसा, समय।
      • Social: दूसरों के साथ व्यवहार, नियम पालन, भोलापन (Gullibility)।
      • Practical: व्यक्तिगत देखभाल (ADL), सुरक्षा, काम।
  3. Age of Onset (शुरुआत की उम्र):
    • ये समस्याएं विकासात्मक अवधि (18 वर्ष से पहले) में उत्पन्न होनी चाहिए। (AAIDD ने इसे बढ़ाकर 22 वर्ष कर दिया है, लेकिन RPWD Act 18 वर्ष मानता है)।

B. Etiology (कारण)

  • Prenatal: डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome), Fragile X Syndrome, रूबेला संक्रमण, नशा (Fetal Alcohol Syndrome)।
  • Perinatal: जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी (Birth Asphyxia), समय से पहले जन्म।
  • Postnatal: दिमागी बुखार (Meningitis), सिर की चोट, कुपोषण (iodine deficiency), सीसा विषाक्तता (Lead poisoning)।

C. Prevalence & Incidence (व्यापकता)

  • विश्व स्तर पर लगभग 1-3% जनसंख्या ID से प्रभावित है।
  • भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या अधिक हो सकती है (कुपोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण)।

📊 Classification of Students with ID (वर्गीकरण)

ID का वर्गीकरण दो तरीकों से किया जाता है: IQ के आधार पर (पुराना तरीका) और सहायता की आवश्यकता के आधार पर (नया तरीका)।

A. Psychological Classification (Based on IQ)

यह सबसे आम वर्गीकरण है जो स्कूलों और अस्पतालों में उपयोग होता है।

स्तर (Level)IQ Rangeविवरण (Description)शैक्षिक क्षमता (Educational Potential)
Mild (हल्का)50-69अक्सर शारीरिक रूप से सामान्य दिखते हैं।Educable: कक्षा 6 तक शैक्षणिक कौशल सीख सकते हैं। स्वतंत्र रह सकते हैं।
Moderate (मध्यम)35-49विकास में स्पष्ट देरी। भाषा में देरी।Trainable: दैनिक जीवन कौशल और सरल व्यावसायिक कार्य सीख सकते हैं।
Severe (गंभीर)20-34सीमित भाषा। निरंतर निगरानी की आवश्यकता।Dependent: सरल कार्यों (जैसे खाना) में आंशिक मदद कर सकते हैं।
Profound (अति गंभीर)< 20बहुत सीमित समझ।Custodial: 24×7 नर्सिंग देखभाल की आवश्यकता।

B. Educational Classification (शैक्षिक वर्गीकरण)

  1. Educable Mentally Retarded (EMR): जो पढ़-लिख सकते हैं (Mild ID)।
  2. Trainable Mentally Retarded (TMR): जो प्रशिक्षण ले सकते हैं (Moderate ID)।
  3. Custodial (Custodial): जिन्हें केवल देखभाल चाहिए (Severe/Profound)।

💪Strengths and Needs of Learners with ID

हमें केवल कमियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, उनकी ताकतों पर भी ध्यान देना चाहिए।

A. Strengths (ताकतें)

  1. Rote Memory: कुछ बच्चे रटने में बहुत अच्छे होते हैं (जैसे गाने के बोल या रास्ते याद रखना)।
  2. Visual Learning: वे सुनकर समझने के बजाय देखकर (Visuals) बेहतर सीखते हैं।
  3. Social Affection: वे अक्सर बहुत स्नेही होते हैं और दूसरों को खुश करना चाहते हैं (Desire to please)।
  4. Repetitive Tasks: वे उन कार्यों को खुशी से कर सकते हैं जो दूसरों को बोरिंग लगते हैं (जैसे लिफाफे चिपकाना, पैकिंग करना)।

B. Needs (आवश्यकताएं)

  1. Concrete Examples: उन्हें अमूर्त बातें (जैसे “ईमानदारी”) समझ नहीं आतीं। उन्हें ठोस उदाहरण चाहिए।
  2. Repetition: उन्हें एक ही चीज सीखने के लिए बार-बार अभ्यास की जरूरत होती है।
  3. Generalization Support: वे स्कूल में सीखा हुआ ज्ञान घर पर लागू नहीं कर पाते। उन्हें अलग-अलग परिस्थितियों में सिखाना पड़ता है।
  4. Task Analysis: जटिल कार्यों को छोटे-छोटे चरणों में तोड़कर सिखाना।

🧩 Learning Characteristics & Cognitive Processes

ID वाले बच्चों का दिमाग जानकारी को कैसे प्रोसेस करता है, यह समझना एक शिक्षक के लिए सबसे जरूरी है।

1. Attention (ध्यान)

  • Deficit: उनका ध्यान बहुत कम समय (Short Attention Span) के लिए टिकता है।
  • Distractibility: वे बहुत जल्दी विचलित हो जाते हैं। एक उड़ती हुई मक्खी भी उनका ध्यान भटका सकती है।
  • Selective Attention: वे यह तय नहीं कर पाते कि किस चीज पर ध्यान देना है और किसे नजरअंदाज करना है (जैसे शिक्षक की आवाज बनाम पंखे की आवाज)।

2. Perception (प्रत्यक्षीकरण)

  • उन्हें चीजों को पहचानने और उनमें अंतर करने (Discrimination) में दिक्कत होती है। जैसे ‘ब’ और ‘व’ में अंतर न कर पाना।

3. Memory (स्मृति)

  • Short Term Memory (STM): यह सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। वे निर्देश सुनकर तुरंत भूल जाते हैं।
  • Long Term Memory (LTM): अगर कोई चीज एक बार LTM में चली जाए (बार-बार अभ्यास से), तो वे उसे लंबे समय तक याद रख सकते हैं।

4. Thinking & Reasoning (सोच और तर्क)

  • Concrete Thinking: वे केवल “यहाँ और अभी” (Here and Now) के बारे में सोच सकते हैं। “भविष्य” या “कल्पना” करना उनके लिए मुश्किल है।
  • Problem Solving: अगर कोई समस्या आती है (जैसे पेंसिल टूट गई), तो वे समाधान नहीं सोच पाते, बस रोने लगते हैं या छोड़ देते हैं।

5. Sequential vs Simultaneous Processing (क्रमिक बनाम एक साथ)

  • Sequential Processing: जानकारी को एक क्रम में प्रोसेस करना (1, 2, 3…)। ID बच्चों को इसमें बहुत दिक्कत होती है। इसलिए उन्हें लंबे निर्देश (“जाओ, बैग रखो, बोतल निकालो और बैठो”) समझ नहीं आते।
  • Simultaneous Processing: पूरी तस्वीर को एक साथ देखना। वे इसमें थोड़े बेहतर हो सकते हैं (जैसे चित्र देखकर समझना)।

📉 Level of ID and Relevance to Learning Characteristics

ID का स्तर सीधे तौर पर सीखने की शैली को प्रभावित करता है।

1. Mild ID (IQ 50-69) – The “Invisible” Disability

  • Learning: ये बच्चे धीमी गति से सीखते हैं लेकिन कक्षा 3-6 तक का पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं।
  • Social: इनके पास अच्छे सामाजिक कौशल हो सकते हैं, लेकिन वे “भोले” होते हैं और आसानी से दूसरों की बातों में आ जाते हैं।
  • Teaching: इन्हें रेमेडियल टीचिंग और थोड़े सरल पाठ्यक्रम की जरूरत होती है।

2. Moderate ID (IQ 35-49) – Focus on Training

  • Learning: अकादमिक कौशल (पढ़ना-लिखना) बहुत सीमित होता है (शायद अपना नाम और कुछ शब्द)।
  • Focus: मुख्य फोकस “Functional Academics” पर होता है (पैसे पहचानना, बस नंबर पढ़ना, घड़ी देखना)।
  • Teaching: इन्हें “करके सीखने” (Learning by doing) की जरूरत होती है।

3. Severe/Profound ID (IQ < 35) – Focus on ADL

  • Learning: ये पारंपरिक अर्थों में “पढ़ाई” नहीं कर सकते।
  • Focus: इनका पाठ्यक्रम पूरी तरह से ADL (Activities of Daily Living) पर केंद्रित होता है – टॉयलेट ट्रेनिंग, खाना खाना, कपड़े पहनना।
  • Communication: ये अक्सर नॉन-वर्बल (Non-verbal) होते हैं और इशारों या चित्रों (AAC) का उपयोग करते हैं।


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