दिव्यांग बच्चों के लिए विज्ञान शिक्षण संसाधन
विज्ञान शिक्षण में अधिगम संसाधनों (Learning Resources) का चयन एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्य है। समावेशी शिक्षा की मांग है कि ये संसाधन विविधता, समानता और समावेशन (Diversity, Equity, and Inclusion) के सिद्धांतों पर आधारित हों । राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (RPwD Act, 2016) के अनुरूप, सभी शिक्षण-अधिगम सामग्री (TLMs), प्रयोगशालाएँ और पाठ्येतर गतिविधियाँ यूनिवर्सल डिज़ाइन फॉर लर्निंग (UDL) के सिद्धांतों का पालन करते हुए सुलभ (Accessible) होनी चाहिए।
Teaching Learning Aids – Need, Importance, Selection, Use and Classification of Aids Based on Type of Experience (शिक्षण-अधिगम सामग्री – आवश्यकता, महत्व, चयन और वर्गीकरण)
शिक्षण-अधिगम सामग्री (TLMs) वे संसाधन हैं जो शिक्षक को स्पष्टीकरण देने में सहायता करते हैं और छात्रों के सीखने को सुगम बनाते हैं।
A. Need and Importance (आवश्यकता और महत्व)
- ज्ञान का दीर्घकालिक प्रतिधारण (Retention): TLMs छात्रों को जानकारी को अधिक समय तक बनाए रखने में मदद करते हैं।
- स्पष्टता और रुचि: ये सामग्री पाठ को अधिक स्पष्ट, रोचक और आनंददायक बनाती हैं, जिससे सीखने का माहौल सकारात्मक होता है।
- अमूर्त विचारों को मूर्त बनाना (Concretizing Abstract Ideas): विज्ञान में कई अमूर्त अवधारणाओं (जैसे: परमाणु संरचना, गुरुत्वाकर्षण) को मॉडल या चार्ट के उपयोग से मूर्त रूप दिया जा सकता है।
B. Classification and Inclusive Adaptation (वर्गीकरण और समावेशी अनुकूलन)
TLMs को मुख्य रूप से अनुभव के प्रकार (Sensory Experience) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। समावेशी कक्षा में, शिक्षक को बहु-संवेदी इनपुट प्रदान करने के लिए इन सभी प्रकारों का उपयोग करना चाहिए:
| वर्गीकरण (Classification) | विवरण (Description) | CWD के लिए अनुकूलन और अनुप्रयोग (Inclusive Adaptation) | संदर्भ |
| Visual Aids (दृश्य सहायता) | चार्ट, ग्राफ, फ्लैशकार्ड, तस्वीरें, मॉडल। | टैक्टाइल ग्राफिक्स (Tactile Graphics): दृश्य हानि (VI) वाले छात्रों के लिए चित्रों, आरेखों और रेखांकन को स्पर्शनीय प्रारूप में बदलना आवश्यक है। उच्च विपरीत रंग (High Contrast Colors) का उपयोग करें । | |
| Audio Aids (श्रव्य सहायता) | रेडियो प्रसारण, टेप रिकॉर्डिंग, व्याख्यान रिकॉर्डिंग। | कम सुनने वाले (Hard of Hearing) छात्रों के लिए शिक्षक के निर्देशों को रिकॉर्ड करना। वॉयस रिकॉर्डर का उपयोग संज्ञानात्मक सहायता (Cognitive Assistance) के लिए किया जा सकता है । | |
| Audio-Visual Aids (श्रव्य-दृश्य सहायता) | वीडियो, प्रोजेक्टर, वर्चुअल लैब्स। | कैप्शन (Captioning) और ऑडियो विवरण (Audio Description) का उपयोग HI/VI छात्रों के लिए अनिवार्य है। ये माध्यम जटिल प्रक्रियाओं को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करते हैं। | |
| Tactile/Kinesthetic Aids (स्पर्शनीय/गतिज सहायता) | हाथों-हाथ सामग्री (Hands-on materials), मॉडल, प्रयोगशाला उपकरण। | वास्तविक सामग्री (Real Objects): चट्टानें, पत्ते, बीज, शंख जैसी प्राकृतिक वस्तुएं प्रदान करें । टैक्टाइल मापन उपकरण और मैग्नीफायर का उपयोग करें । | |
| Multimedia and 3D Models | इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर, सिमुलेशन, 3D प्रिंटेड मॉडल। | DNA ट्विस्ट मॉडल (Foam Model): जटिल जैविक संरचनाओं को समझाने के लिए विपरीत बनावट और रंगों का उपयोग करने वाले स्पर्शनीय मॉडल का उपयोग करें। |
UDL सिद्धांत का पालन: संसाधनों का चयन करते समय, शिक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सीखने के कई साधन (Multiple Means of Representation) प्रदान करें, जो UDL का मुख्य सिद्धांत है।
Importance of science learning and enrichment activities (विज्ञान अधिगम और संवर्धन गतिविधियों का महत्व)
पाठ्येतर संवर्धन गतिविधियाँ (Enrichment Activities) छात्रों की जिज्ञासा को बढ़ावा देने, वैज्ञानिक ज्ञान को सामाजिक संदर्भ से जोड़ने और व्यावहारिक कौशल विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं ।
A. Science Clubs, Circles, and Projects (विज्ञान क्लब, वृत्त और परियोजनाएँ)
- उद्देश्य: विज्ञान क्लब (जैसे: Eco-club, Health and Well-being club) छात्रों को स्वैच्छिक और उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों में संलग्न करते हैं, जिससे उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक चेतना का विकास होता है ।
- टिंकरी प्रयोगशाला (Tinkering Laboratory): ये प्रयोगशालाएँ छात्रों को आविष्कार और रचनात्मकता (Innovation and Creativity) के लिए एक सुरक्षित मंच प्रदान करती हैं।
- CWD के लिए लाभ: छात्र यहाँ सहायक तकनीक (Assistive Technology) उपकरणों का डिजाइन और निर्माण कर सकते हैं (उदाहरण: बाधा-पता लगाने वाली छड़ी (Obstacle-detecting walking stick) या अनुकूली पफ स्विच (Adaptive Puff Switch))। यह STEM रुचि को बढ़ावा देता है।
- थीम-आधारित गतिविधियाँ:
- संवेदी गतिविधियाँ (Sensory Activities): विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए, रंग-बिरंगी रोशनी (Colorful Lights) का उपयोग करके प्रकाश और रंग के बारे में सीखना या जल मोती (Water Beads) का उपयोग करके स्पर्शनीय अन्वेषण करना अत्यंत लाभकारी है।
- समस्या-आधारित क्लब: जल प्रदूषण पर विभिन्न स्रोतों से पानी के नमूने एकत्र करना और तलछट (Sediment) का अवलोकन करना, जिससे छात्र अपने समुदाय के पर्यावरण के बारे में सीखते हैं।
B. Science Exhibition and Journals (विज्ञान प्रदर्शनी और पत्रिकाएँ)
- विज्ञान प्रदर्शनी (Science Exhibition): छात्रों को अपने वैज्ञानिक विचारों और परियोजनाओं को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है।
- समावेशी अनुकूलन: प्रदर्शनी परियोजनाओं को CWD के लिए सुलभ बनाया जाना चाहिए।
- चलन दिव्यांगता (Locomotor Disability): छात्र रिमोट कंट्रोल कारों का परीक्षण या रोल-प्लेइंग/नाटकीयकरण का उपयोग करके सिद्धांतों का प्रदर्शन कर सकते हैं।
- बौद्धिक अक्षमता (ID): प्रोजेक्ट को प्रमुख अवधारणाओं पर केंद्रित (Focus on key concepts) और सरल चरण-दर-चरण प्रदर्शन (Simple demonstration) वाला होना चाहिए।
- समावेशी अनुकूलन: प्रदर्शनी परियोजनाओं को CWD के लिए सुलभ बनाया जाना चाहिए।
- विज्ञान पत्रिकाएँ (Science Journals/Notebooks): छात्रों को अपने अवलोकन, परिकल्पना और निष्कर्षों को रिकॉर्ड करने के लिए प्रोत्साहित करना। यह मेटा-संज्ञानात्मक जागरूकता (Metacognitive Awareness)—अपने स्वयं के मस्तिष्क और विचार प्रक्रिया को समझना—विकसित करने में सहायक है।
The Science Laboratory and Assistive Technology (विज्ञान प्रयोगशाला और सहायक तकनीक)
विज्ञान प्रयोगशाला, चाहे भौतिक हो या आभासी, विज्ञान शिक्षण का केंद्र है। RPwD Act, 2016 के तहत, प्रयोगशालाओं में पहुँच (Accessibility) सुनिश्चित करना एक कानूनी और शैक्षणिक अनिवार्यता है ।
A. Planning and Universal Design (नियोजन और सार्वभौमिक डिज़ाइन)
- UDL सिद्धांत: प्रयोगशाला डिज़ाइन को UDL के तीन सिद्धांतों (प्रस्तुति के बहु साधन, अभिव्यक्ति के बहु साधन, और जुड़ाव के बहु साधन) का पालन करना चाहिए, ताकि सभी शिक्षार्थी सफल हो सकें।
- भौतिक अनुकूलन:
- सुलभता मानक: रैंप, चौड़े दरवाजे (न्यूनतम 1000 mm का स्पष्ट प्रवेश द्वार), और पहिएदार कुर्सी (Wheelchair) के गुजरने के लिए 900 mm से अधिक चौड़ा मार्ग सुनिश्चित करें।
- गैर-फिसलन सतह (Non-Slip Surface): फर्श पर गैर-फिसलन सामग्री और सीढ़ियों पर रंग विपरीत पट्टियाँ (Colour Contrasting Strips) VI छात्रों के लिए आवश्यक हैं।
- समायोज्य वर्कस्टेशन: चलन दिव्यांगता वाले छात्रों के लिए समायोज्य ऊँचाई वाली वर्कटेबल और विशेष कुर्सियों का प्रावधान होना चाहिए ।
B. Assistive Technology (AT) and Equipment (सहायक तकनीक और उपकरण)
सहायक तकनीक (AT) कोई भी उपकरण, सॉफ्टवेयर या प्रणाली है जिसका उपयोग दिव्यांग व्यक्तियों की कार्यात्मक क्षमताओं को बढ़ाने या बनाए रखने के लिए किया जाता है।
| AT / उपकरण | उपयोग का उद्देश्य | CWD के लिए अनुप्रयोग | संदर्भ |
| टैक्टाइल ग्राफिक्स और मापन उपकरण | दृश्य डेटा (ग्राफ, चार्ट) को स्पर्श के माध्यम से संप्रेषित करना। | VI छात्रों को प्रयोगशाला डेटा एकत्र करने और परिणामों को ग्राफ़ करने में मदद करना। स्पर्शनीय शासक (Tactile Rulers) और मापन उपकरण । | |
| वॉयस रिकॉर्डर / स्मार्टफोन | संज्ञानात्मक कार्य (स्मृति, ध्यान, तर्क) में वृद्धि करना। | ID/SLD छात्र जटिल निर्देशों को रिकॉर्ड करने या प्रयोगशाला अवलोकन रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग कर सकते हैं । | |
| स्कैनर/रीडर | मुद्रित पाठ को ऑडियो या ब्रेल में परिवर्तित करना। | VI छात्रों को प्रयोगशाला मैनुअल और सुरक्षा निर्देशों तक पहुँचने में मदद करना। | |
| अनुकूली उपकरण (Adapted Apparatus) | विशिष्ट विकलांगता के लिए अनुकूलित प्रायोगिक उपकरण। | VI छात्रों के लिए रूपांतरित प्रायोगिक सहायता (Adapted Experimental Aids) की प्रभावशीलता सिद्ध हुई है। RCI ऐसे उपकरणों के विकास पर जोर देता है । |
C. Virtual/Digital Labs and Safety (आभासी/डिजिटल प्रयोगशालाएँ और सुरक्षा)
- वर्चुअल लैब्स (Virtual Labs): ये सिमुलेशन-आधारित लैब्स तक रिमोट एक्सेस प्रदान करती हैं ।
- लाभ: ये उन इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए एक समाधान हैं जिनमें भौतिक सुविधाओं की कमी है । CWD छात्र आत्म-गति (Self-Paced Learning) से प्रयोग कर सकते हैं, जिससे जटिल या खतरनाक प्रयोगों के जोखिम से बचा जा सकता है ।
- RCI का परिप्रेक्ष्य: RCI UDL की चिंताओं को दूर करने और दिव्यांग बच्चों (Divyang/CwSN) की शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को अनिवार्य करता है。
- सुरक्षा: प्रयोगशाला सुरक्षा के लिए स्पष्ट, दृश्य और श्रव्य संकेत (Clear Visual and Auditory Cues) प्रदान किए जाने चाहिए।
Aquarium, Vivarium – Role in learning science, setting, care & maintenance (मछलीघर, विवारियम – विज्ञान शिक्षण में भूमिका, स्थापना, देखभाल और रखरखाव)
एक्वेरियम (Aquarium) और विवारियम (Vivarium, जैसे टेरारियम) कक्षा में छोटे, नियंत्रित पारिस्थितिक तंत्र (Controlled Ecosystems) स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण संसाधन हैं।
A. Pedagogical and Therapeutic Role (शैक्षणिक और उपचारात्मक भूमिका)
- शैक्षणिक मूल्य: ये अमूर्त अवधारणाओं को मूर्त बनाते हैं, छात्रों में समुद्री जीवन और पशु व्यवहार (Animal Behavior) के बारे में जिज्ञासा और अन्वेषण को प्रोत्साहित करते हैं। टेरारियम जल चक्र (Water Cycle) (वाष्पीकरण, संघनन और अवक्षेपण) को सीखने का एक उत्कृष्ट उपकरण है।
- चिकित्सीय लाभ (Therapeutic Benefits): मछलीघर अवलोकन तनाव कम करने (Reducing Stress) और आराम को बढ़ाने (Enhancing Relaxation) में सिद्ध हुआ है।
- ASD छात्रों के लिए: एक्वेरियम थेरेपी ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) वाले बच्चों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है। मछली की लयबद्ध गति और पानी की सुखद ध्वनियाँ संवेदी अतिभार (Sensory Overload) को कम करने और भावनात्मक स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।
B. Setting and Maintenance (स्थापना और रखरखाव)
| पहलू (Aspect) | एक्वेरियम (Aquarium) | विवारियम/टेरारियम (Vivarium/Terrarium) | संदर्भ |
| स्थापना | टैंक को सीधी धूप और गर्मी से दूर, एक समतल, मजबूत सतह पर रखें। पानी को मछली डालने से पहले कंडीशन करें (नाइट्रोजन चक्र पूरा करें – 4-8 सप्ताह)। | अप्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश (Indirect Sunlight) वाली जगह पर रखें। कांच या प्लास्टिक के ढके हुए कंटेनर का उपयोग करें। | |
| उपकरण | हीटर, फ्लोटिंग थर्मामीटर, एयर पंप, अंडरग्रेवल फ़िल्टर, बजरी (Gravel), पौधों के लिए लाइट, लॉग बुक। | मिट्टी, बजरी, काई (Moss), और उपयुक्त पौधे (Succulents या मॉस)। | |
| रखरखाव | पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यांत्रिक, जैविक और रासायनिक फ़िल्ट्रेशन आवश्यक है। | अत्यधिक पानी देने से बचें। अत्यधिक नमी होने पर ढक्कन खोलें, या शुष्क दिखने पर पानी डालें। पौधों को ट्रिम करें। | |
| शैक्षणिक उपकरण | छात्रों को pH, नाइट्रेट्स और घुलित ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen) के लिए टेस्ट किट का उपयोग करके पानी की निगरानी करनी चाहिए। | छात्रों को नियमित रूप से संघनन (Condensation) और नमी के स्तर का निरीक्षण करना चाहिए। |
Museum, Botanical, Zoological and Herbal Garden (संग्रहालय, वनस्पति, प्राणी और हर्बल उद्यान)
ये संस्थान कक्षा से बाहर क्षेत्र कार्य (Field Work) और परियोजना गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण संसाधन हैं, जो छात्रों को प्राकृतिक दुनिया के साथ सीधे जुड़ने की अनुमति देते हैं।
A. Role in Learning Science (विज्ञान सीखने में भूमिका)
- प्रेरणा और अन्वेषण: ये स्थान छात्रों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता (Sensibility), कार्यक्षमता (Functionality) और तर्कसंगतता (Rationality) के तीन आयामों को बढ़ावा देते हैं।
- संरक्षण और जैव विविधता: प्राणी और वनस्पति उद्यान स्व-स्थाने (In situ) और बाह्य-स्थाने (Ex situ) दोनों तरह के संरक्षण के महत्व को दर्शाते हैं, जिससे छात्र पौधों और जीवों की विविधता (Biodiversity) और विलुप्त होने की लागत के बारे में सीखते हैं।
- हर्बल गार्डन (Herbal Garden): ये पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) और आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक वनस्पति विज्ञान से जोड़ते हैं।
B. Accessibility and Project Activities for CWD (सुलभता और CWD के लिए परियोजना गतिविधियाँ)
RPwD Act, 2016 के तहत, संग्रहालयों और सांस्कृतिक स्थलों के लिए पहुँच के मानक (Accessibility Standards) निर्धारित किए गए हैं, जिनका अनुपालन अनिवार्य है।
| पहलू | सुलभता मानक (Accessibility Standards – RPwD) | परियोजना/गतिविधि |
| चलन दिव्यांगता (Locomotor Disability) | रैंप और लिफ्ट आवश्यक हैं। व्हीलचेयर के लिए 900 mm से अधिक चौड़ा मार्ग। प्रवेश/निकास द्वार 1000 mm का होना चाहिए। | स्थानीय पौधों की प्रजातियों का सर्वेक्षण (Survey) करना। हर्बल गार्डन में पौधों की देखभाल में भाग लेना। |
| दृश्य हानि (Visual Impairment) | सीढ़ियों पर उच्च विपरीत पट्टियाँ (Colour Contrasting Strips)। ऑडियो घोषणाएँ और ब्रेल स्क्रिप्ट का प्रावधान होना चाहिए। | स्पर्शनीय मॉडल (Tactile Models) का उपयोग करके जानवरों की शारीरिक रचना को समझना। फील्ड स्टडी के दौरान बनावट, गंध, और तापमान का मापन । |
| परियोजनाएं | छात्रों को वन्यजीवों की आवाजें रिकॉर्ड करने के लिए वॉयस रिकॉर्डर का उपयोग करना, और उनकी पहचान करने का प्रयास करना। | मिट्टी के नमूने एकत्र करना और वर्गीकरण (Classification) के लिए उनका संवेदी विश्लेषण करना । |
निष्कर्ष: विज्ञान संवर्धन गतिविधियाँ, जब समावेशी डिज़ाइन के साथ कार्यान्वित की जाती हैं, तो CWD छात्रों को अमूर्त वैचारिक शिक्षा से बाहर निकलकर, सीधे अनुभव और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से वैज्ञानिक साक्षरता और प्रक्रिया कौशल (Process Skills) प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर प्रदान करती हैं।
Disclaimer: notes4specialeducation.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। यद्यपि हम सटीकता सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करते हैं, फिर भी पाठकों से अनुरोध है कि वे सामग्री की आधिकारिक स्रोतों से स्वयं पुष्टि कर लें। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें help@notes4specialeducation.com पर मेल करें।
Also Read:
Grid
Pedagogy of Teaching Science Course A4(a): B.Ed. Special Education के लिए सम्पूर्ण गाइड (2025)
Assessment and Evaluation
Learning Resources with reference to Children with Disabilities for Teaching Science
Approaches and Methods of Teaching Sciences
Planning for Instruction
Nature and Significance of Science
B.Ed Special Education (ID), B.com & M.Com
Founder – ✨ Notes4SpecialEducation✨
I create simple, clear, and exam-focused study materials for Special Education students. My aim is to make learning accessible and easy to understand, so that every student can learn confidently and succeed in their academic journey.






