दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016
अध्याय-6
संदर्भित दिव्यांगजनों के लिए विशेष उपबंध (Special Provisions for Referred Persons with Disabilities)
31. संदर्भित दिव्यांग बालकों को निःशुल्क शिक्षा
(1) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (2009 का 35) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी छह वर्ष से अठारह वर्ष तक के संदर्भित प्रत्येक दिव्यांग बालक का निकटवर्ती विद्यालय या उसकी पसंद के किसी विशेष विद्यालय में नि: शुल्क शिक्षा का अधिकार होगा।
(2) समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि संदर्भित प्रत्येक दिव्यांग बालक को अठारह वर्ष की आयु प्राप्त होने तक समुचित वातावरण में नि: शुल्क शिक्षा की पहुंच हो
32. उच्च शिक्षा संस्थाओं में आरक्षण
(1) उच्च शिक्षा की सभी सरकारी संस्थाएं और सरकार से सहायता प्राप्त कर रही अन्य शिक्षा संस्थाएं संदर्भित दिव्यांगजनों के लिए कम पांच प्रतिशत स्थानों को आरक्षित रखेंगी।
(2) उच्च शिक्षा संस्थाओं में प्रवेश के लिए संदर्भित दिव्यांगजनों को ऊपरी आयु सीमा में पांच वर्ष तक शिथिलता दी जाएगी।
33. आरक्षण के लिए पदों की पहचान-समुचित सरकार. –
(i) स्थापन में ऐसे पदों की पहचान करेगी जिन्हें धारा 34 के उपबंधों के अनुसार आरक्षित रिक्तियों की बाबत संदर्भित दिव्यांगजनों से संबंधित प्रवर्ग के व्यक्तियों द्वारा धारण किया जा सकता है:
(ii) ऐसे पदों की पहचान करने के लिए संदर्भित दिव्यांगजनों के प्रतिनिधित्व के साथ विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी:
(iii) पहचाले गए पदों का तीन वर्ष से अनधिक अंतराल पर आवधिक पुनर्विलोकन करेगी।
34. आरक्षण—
(1) प्रत्येक समुचित सरकार, प्रत्येक सरकारी स्थापन में नियुक्ति के लिए संदर्भित दिव्यांगजनों द्वारा भरे जाने के लिए आशयित पदों के प्रत्येक समूह से प्रवर्ग में कुल रिक्तियों की संख्या का चार प्रतिशत संदर्भित दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित करेगी. —
(क) अंध और निम्न दृष्टि;
(ख) बधिर और श्रवणशक्ति में ह्रास:
(ग) चलन दिव्यांगता जिसके अंतर्गत प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ, बौनापन, तेजाव आक्रमण के पीड़ित और पेशीय दुष्पोषण भी है:
(घ) स्वपरायणता, बौद्धिक दिव्यांगता. विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता और मानसिक रुग्णताः
(ङ) प्रत्येक दिव्यांगता के लिए पहचान किए गए पदों में खंड (क) से खंड (घ) के अधीन व्यक्तियों में से बहुदिव्यांगता जिसके अंतर्गत बधिर, अंधता भी है:
परंतु यह कि प्रोन्नति में आरक्षण ऐसे अनुदेशों के अनुसार होगा जो समय-समय पर समुचित सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं:
परंतु यह और कि समुचित सरकार, यथास्थिति, मुख्य आयुक्त या राज्य आयुक्त के परामर्श से किसी सरकारी स्थापन में कार्य करने के प्रकार को ध्यान में रखते हुए अधिसूचना द्वारा और ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए, यदि कोई हों, जो ऐसी अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाएं. किसी सरकारी स्थापन को इस धारा के उपबंधों से छूट प्रदान कर सकेगी।
(2) जहां कोई रिक्ति किसी भर्ती वर्ष में उपयुक्त संदर्भित दिव्यांगजन की गैर- उपलब्धता के कारण या कोई अन्य पर्याप्त कारण से भरी नहीं जा सकेगी ऐसी रिक्ति पश्चात्वर्ती भर्ती वर्ष में अग्रनीत होगी और यदि पश्चात्वर्ती भर्ती वर्ष में भी उपयुक्त संदर्भित दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होता है तो पहले यह पांच प्रवर्गों में से अदला-बदली द्वारा हो सकेगी और केवल जब उक्त वर्ष में भी पद के लिए दिव्यांगजन उपलब्ध नहीं होता है तो नियोक्ता किसी दिव्यांगजन से भिन्न किसी व्यक्ति की नियुक्ति द्वारा रिक्ति को भर सकेगा:
परंतु यदि किसी स्थापन में रिक्तियों की प्रकृति ऐसी है कि दिए गए प्रवर्गों के व्यक्तियों को नियोजित नहीं किया जा सकता तो रिक्तियों की समुचित सरकार के पूर्व अनुमोदन से पांच प्रवर्गों में अदला-बदली की जा सकेगी।
(3) समुचित सरकार, अधिसूचना द्वारा संदर्भित दिव्यांगजनों के नियोजन के लिए ऊपरी आयु सीमा में ऐसा शिथिलीकरण प्रदान कर सकेगी जैसा वह ठीक समझे।
35. प्राइवेट सेक्टर में नियोजकों प्राधिकारी, विकास लिए उनके कार्यबल में प्रतिशत प्राइवेट में नियोजक प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।
36. विशेष रोजगार कार्यालय —
समुचित सरकार, अधिसूचना द्वारा यह अपेक्षा कर सकेगी ऐसी तारीख स्थापन में नियोजक, ऐसी या वाली हैं, विशेष रोजगार कार्यालय को. केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाए, ऐसी जानकारी या विवरणी भेजेगी और स्थापन पर ऐसी अध्यपेक्षा पालन करेगा।
37. विशेष स्कीमें और विकास कार्यक्रम समुचित और स्थानीय प्राधिकारी, अधिसूचना द्वारा संदर्भित दिव्यांगजन पक्ष में निम्नलिखित उपबन्ध करने के लिए स्कीमे ।
(क) संदर्भित दिव्यांग स्त्रियों की समुचित पूर्विकता साथ सभी स्कीमों और विकास कार्यक्रमों कृषि भूमि और आवाशन में पांच प्रतिशत आरक्षण।
(ख) संदर्भित दिव्यांग स्त्रियों की पूर्विकता साथ सभी निर्धनता उपशमन विभिन्न विकासशील स्कीमों पांच प्रतिशत आरक्षण।
(ग) रियायती दर भूमि के आवंटन में पांच प्रतिशत आरक्षण जहां ऐसी का उपयोग आवासन, आश्रय, उपजीविका गठन, कारोबार, उद्यम, आमोद – प्रमोद केंद्र , के लिए किया जाता है।