दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016
अध्याय-5
सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास और आमोद-प्रमोद
24. सामाजिक सुरक्षा–
(1) समुचित सरकार उसकी आर्थिक क्षमता और विकास की सीमा के भीतर उनके स्वतंत्र रूप से या समुदाय में रहने के लिए उन्हें समर्थ बनाने के लिए पर्याप्त जीवन स्तर के लिए दिव्यांगजनों के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए आवश्यक स्कीमें और कार्यक्रम बनाएगी:
परंतु ऐसी स्कीमों और कार्यक्रमों के अधीन दिव्यांगजनों को सहायता का परिमाण अन्य व्यक्तियों के लिए लागू उन्हीं स्कीमों से कम से कम पच्चीस प्रतिशत अधिक होगा।
(2) समुचित सरकार, इन स्कीमों और कार्यक्रमों को बनाने के समय दिव्यांगता, लिंग, सामाजिक-आर्थिक प्रास्थिति की विविधता पर सम्यक् विचार करेगी। आयु और
(3) उपधारा (1) के अधीन स्कीमों में निम्नलिखित के लिए उपबंध होंगे,
(क) स्वच्छता, स्वास्थ्य देख-रेख और परामर्श के रूप में अच्छी जीवन परिस्थितियों सहित सामुदायिक केन्द्र:
(ख) ऐसे व्यक्तियों के लिए जिसके अंतर्गत दिव्यांग बालक भी हैं, जिनका कुटुंब नहीं है या जो परित्यक्त या बिना आश्रय या जीवन निर्वाह के हैं, सुविधाएं:
(ग) प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा के दौरान और संघर्ष के क्षेत्र में सहायता:
(घ) दिव्यांग महिलाओं के जीवन निर्वाह के लिए और उनके बालकों के पालन-पोषण के लिए सहायता:
(ङ) सुरक्षित पेय जल और समुचित तथा पहुंच में स्वच्छता सुविधाएं विशेषतया नगरीय गंदी-बस्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच
(च) ऐसी आय की सीमा, जो अधिसूचित की जाए, के साथ दिव्यांग व्यक्तियों को निःशुल्क सहायता और साधित्र, औषधियां और नैदानिक सेवाएं तथा सुधारात्मक शल्यचिकित्सा उपलब्ध कराना;
(छ) ऐसी आय की सीमा, जो अधिसूचित की जाए, के अधीन रहते हुए दिव्यांग व्यक्तियों को
दिव्यांगता पेंशन:
(ज) दो वर्ष से अधिक की अवधि के लिए विशेष रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रीकृत ऐसे दिव्यांग व्यक्तियों को बेरोजगारी भत्ता, जिन्हें लाभपूर्ण व्यवसाय में नहीं रखा जा सका था।
(झ) उच्च सहायता की आवश्यकताओं वाले दिव्यांगजनों के लिए देख-रेख प्रदाता भत्ता:
(ञ) ऐसे दिव्यांगजनों के लिए व्यापक बीमा स्कीम जो राज्य कर्मचारी बीमा स्कीम या किसी अन्य कानूनी या सरकार द्वारा प्रायोजित बीमा स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं;
(ट) कोई अन्य विषय जिसे समुचित सरकार ठीक समझे।
25.स्वास्थ्य देखरेख-
(1) समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी दिव्यांगजनों को निम्नलिखित उपलब्ध कराने के लिए उपाय करेगी,
(क) ऐसी कुटुंब आय, जो अधिसूचित की जाए, के अधीन रहते हुए, आसपास विशेषतया ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क स्वास्थ्य देख-रेख;
(ख) सरकार के सभी भागों और निजी अस्पतालों तथा अन्य स्वास्थ्य देख-रेख संस्थाओं और केन्द्रों में बाधा रहित पहुंच;
(ग) परिचर्या और उपचार में पूर्विकता
(2) समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी स्वास्थ्य देख-रेख की अभिवृद्धि और दिव्यांगता की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करेंगे और स्कीम या कार्यक्रम बनाएंगे और उक्त प्रयोजनों के लिए निम्नलिखित करेंगे, –
(क) दिव्यांगता की घटनाओं के कारणों से संबंधित सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान करना या कराना;
(ख) दिव्यांगता को रोकने के लिए विभिन्न पद्धतियों को प्रोन्नत करना:
(ग) “जोखिम के ” मामलों की पहचान करने के प्रयोजन के लिए वर्ष में कम से कम एक बार सभी बालकों की जांच करना;
(घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कर्मचारिवृंद को प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना;
(ङ) जागरुकता अभियान प्रायोजित करना या कराना और साधारण आरोग्य, स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए जानकारी का प्रसार करना या कराना;
(च) माता और बालक की प्रसवपूर्व प्रसव के दौरान और प्रसव के पश्चात् देख-रेख के लिए उपाय करना;
(छ) पूर्वस्कूल, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, ग्राम स्तर कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनता को शिक्षित करना;
(ज) दिव्यांगता के कारणों और अंगीकृत किए जाने वाले निरोधात्मक उपायों को टेलीविजन, रेडियों और अन्य जन संचार साधनों के माध्यम से जनता के मध्य जागरुकता उत्पन्न करना;
(झ) प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जोखिम की स्थितियों के समय के दौरान स्वास्थ्य देख-रेख
(ञ) जीवनरक्षक आपात उपचार और प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक चिकित्सीय सुविधाएं: और
(ट) विशेषतया दिव्यांग स्त्रियों के लिए लैंगिक और प्रजनक स्वास्थ्य देख-रेख ।
26. बीमा स्कीमें-
समुचित सरकार, अधिसूचना द्वारा दिव्यांग कर्मचारियों के लिए बीमा स्कीमें बनाएगी।
27. पुनर्वास –
(1) समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी सभी दिव्यांगजनों के लिए विशिष्टतया स्वास्थ्य, शिक्षा और नियोजन के क्षेत्रों में उनकी आर्थिक क्षमता और विकास के भीतर सेवाओं और पुनर्वास के कार्यक्रमों की जिम्मेवारी लेंगे या जिम्मेवारी दिलाएंगे।
(2) उपधारा (1) के प्रयोजनों के लिए समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी, गैर-सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान कर सकेंगे।
(3) समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी, पुनर्वास स्कीम पुनर्वास नीतियों की विरचना के समय दिव्यांगजनों के लिए कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों से परामर्श करेंगे।
28. अनुसंधान और विकास-
समुचित सरकार ऐसे मुद्दों पर व्यष्टियों या संस्थाओं के माध्यम से जिनसे आवास और पुनर्वास और ऐसे अन्य मुद्दे जो दिव्यांगजनों के लाभ के लिए आवश्यक समझे जाएं, के माध्यम से अनुसंधान और विकास आरंभ करेगी या कराएगी।
29.संस्कृति और आमोद-प्रमोद –
समुचित सरकार और स्थानीय प्राधिकारी, सभी दिव्यांगजनों के अधिकारों के संवर्धन, संरक्षण और अन्य व्यक्तियों के समान आमोद-प्रमोद गतिविधियों में भागीदारी के उपाय करेंगे, जिसके अंतर्गत निम्नलिखित भी हैं।
(क) दिव्यांग कलाकारों और लेखकों को उनकी अभिरुचि और प्रतिभा को बढ़ाने के लिए सुविधा, सहायता और प्रायोजन;
(ख) दिव्यांगता इतिहास संग्रहालय की स्थापना जो दिव्यांगजनों के ऐतिहासिक अनुभवों को लिपिबद्ध और उनका निर्वचन करते हैं:
(ग) दिव्यांगजनों तक कला को सुगम बनाना;
(घ) आमोद-प्रमोद केन्द्रों और अन्य सामाजिक गतिविधियों का संवर्धन करना;
(ङ) बालचर, नृत्य, कला कक्षाएं, बाहरी कैंप और रोमांचक गतिविधियों में भागीदारी को सुकर बनाना;
(च) दिव्यांगजनों के लिए पहुंच और भागीदारी को समर्थ बनाने के लिए सांस्कृतिक और कला विषयों के पाठ्यक्रमों को पुनः डिजाइन करना;
(च) दिव्यांगजनों के लिए पहुंच और भागीदारी को समर्थ बनाने के लिए सांस्कृतिक और कला विषयों के पाठ्यक्रमों को पुनः डिजाइन करना;
(छ) आमोद-प्रमोद गतिविधियों में दिव्यांगजनों के लिए पहुंच और उनको सम्मिलित करने को सुकर बनाने के लिए तकनीकी सहायक युक्तियां और उपस्करों का विकास करना; और
(ज) सुनिश्चित करना कि श्रवणशक्ति के ह्रास के व्यक्ति सांकेतिक भाषांतरण या उपशीर्षक सहित टेलीविजन कार्यक्रमों तक पहुंच कर सकें।
30.खेलकूद गतिविधियों-
(1) समुचित सरकार दिव्यांगजनों की खेलकूद गतिविधियों में प्रभावी भागीदारी को सुनिश्चित करने खेलकूद के लिए उपाय करेगी।
(2) खेलकूद प्राधिकारी खेलकूदों में भागीदारी के लिए दिव्यांगजनों के अधिकारों को सम्यक मान्यता देंगे और उनकी खेलकूद प्रतिभा के संवर्धन और विकास के लिए अपनी स्कीमों और कार्यक्रमों में दिव्यांगजनों को सम्मिलित करने के लिए सम्यक् उपबंध करेंगे।
(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) में अन्तर्विष्ट उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना समुचित सरकार और खेल प्राधिकारी निम्नलिखित उपाय करेंगे,
(क) सभी खेलकूद गतिविधियों में दिव्यांगजनों की पहुंच, समावेशन और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों की पुनर्संरचना:
(ख) दिव्यांगजनों के लिए सभी खेलकूद गतिविधियों और अवसंरचनात्मक सुविधाओं का पुनः डिजाइन और उसमें सहायता;
(ग) सभी दिव्यांगजनों के लिए अंतःशक्ति, प्रतिभा, सामर्थ्य और योग्यता बढ़ाने के लिए तकनीक का विकास;
(घ) सभी दिव्यांगजनों के लिए प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी खेलकूद गतिविधियों में बहुसंवेदी आवश्यकताएं और विशेषताएं प्रदान करना;
(ङ) दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक खेलकूद सुविधाओं के विकास के लिए निधियों का आवंटन करना;
(च) दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांगता विनिर्दिष्ट खेलकूद आयोजनों को संवर्धित करना और आयोजित करना तथा ऐसे खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं और अन्य भागीदारों को भी पुरस्कार देने को सुकर बनाना।
B.Ed Special Education (ID), B.com & M.Com
Founder – ✨ Notes4SpecialEducation✨
I create simple, clear, and exam-focused study materials for Special Education students. My aim is to make learning accessible and easy to understand, so that every student can learn confidently and succeed in their academic journey.
