Functional Assessment Checklist for Programming (FACP)

FACP

फंक्शनल एसेसमेंट चेकलिस्ट फॉर प्रोग्रामिंग (FACP) विशेष शिक्षा में उपयोग किया जाने वाला एक उपकरण है जो विकलांगता वाले व्यक्तियों के कार्यात्मक कौशल और व्यवहार का मूल्यांकन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह शिक्षकों और चिकित्सकों को व्यक्ति की सामर्थ्यों और आवश्यकताओं की पहचान करने में मदद करता है, जो फिर एक व्यक्तिगत शिक्षा योजना (IEP) या व्यवहार हस्तक्षेप योजना (BIP) तैयार करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। FACP आम तौर पर संचार, सेल्फ-केयर, सामाजिक कौशल, शैक्षिक कौशल और समस्यात्मक व्यवहार से संबंधित मदों को शामिल करता है। इसे शिक्षकों, माता-पिता और अन्य व्यावसायिकों द्वारा पूरा किया जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो इस व्यक्ति के साथ संपर्क में हैं।

→ राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य विकलांग संस्थान, सिकंदराबाद(NIEPID) के विशेष शिक्षा विभाग ने एक शैक्षणिक आकलन जाँच सूची की श्रृंखला विकसित की है।

→FACP: यह 1994 में जयंती नारायण, विजयलक्ष्मी मायरेडी, राव और राजगोपाल द्वारा बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय संस्थान (NIEPID) द्वारा विकसित किया गया था।

→ इसमें ‘पूर्व प्राथमिक’ से ‘पूर्व-व्यवसायिक’ स्तरों के 3 से 18 वर्ष  के बौद्धिक अक्षम बच्चों की कार्य योजना बनाने में मदद मिलती है। ‘ ये क्रियाए अवलोकन योग्य तथा आयु के अनुरूप है एवं समुदाय में आत्मनिर्भर जीवन यापन करने में सहायक है।

→ F.A.C.P मे कौशल क्षेत्रों में क्रियाओं की संख्या भिन्न होती है।

→ F.A.C.P में आयु  योग्यता के आधार पर विद्यार्थियों को समूहों में बाटा गया है।

→संरक्षित समूह के अतिरिक्त अन्य सभी स्तरों पर कौशलो को निम्नलिखित 5 क्षेत्रों में बाटा गया है-

* व्यकिगत

* सामाजिक

* शैक्षणिक

* व्यसायिक

* मनोरंजनात्मक, ‘ घर के अंदर की किनाएँ’  ‘घर के बाहर की क्रियाएँ’

⇒ प्रत्येक स्तर में संरक्षित समूह (Care Group) को छोड़कर जाँच सूची कौशल के विस्तृत क्षेत्र को समेटता है जैसे सक्तिगत, सामाजिक, शैक्षणिक, व्यवसायिक और मनोरंजन / जब कोई बच्चा दिए गए सार में 80% सफलता हासिल कर लेता/लिती है। तब उसे अगले उच्च स्तर में प्रोन्नत करना उचित होता है।

⇒ अथवा ‘+’ द्वारा दर्शायी गई क्रियाओं की गणना की जाती है तथा PP, VP, GP से दर्शायी गई क्रिया की गणना नही की जाती है।

= जिन क्रियाओं को ‘लागू नही’ (Not Applicable) में गणना की जाती है उन्हें सफलता प्रतिशत निकालते समय कुल क्रिया में से घटा दिया जाता है। इसी प्रकार यदि किसी क्रिया को शामिल किया गया है तो मूल्यांकन क्रियाओं में जोड़ दिया जाता है।

जाँचसूची की प्रत्येक क्रिया को विवरणात्मक पैमाने पर निम्न तरह से अंक दिए जाते है-

हाँ ⇒ ‘+’ बिना मदद के बच्चा क्रिया को करता है।

कभी-कभी संकेत देने पर ⇒ C (clueing)

मौखिक सहायता से ⇒ VP (Verbal prompt)

भौतिक/शारीरिक सहायता से⇒ pp (Physical prompt)

नहीं ⇒’-‘ बच्चा क्रिया को नही करता है।

लागू नही – ⇒ NA – Not Applicable

मौका नही मिला ⇒ No Exposure – NE

⇒ “मनोरंजन” के अंतर्गत सूचीबद्ध क्रियाओं को प्रोन्नति के लिए गिना नहीं जाता है, क्योंकि यह क्रियाएँ पसंद पर आधारित होती है। इसमें निम्न के आधार श्रेणी पर प्रदान की जाती है।

A – स्वयं शुरूआत करता है तथा प्रभावी रूप से प्रतिभाग करता है।

B – दूसरों के शुरुआत करने पर प्रतिभाग करता है।

C – प्रतिभाग करता है पर नियमों को नहीं जानता।

D – रूचि के साथ दूसरों को खेलते हुए देखता है।

D – इच्छुक नहीं।

NE(No Exposure) – अवसर प्राप्त नहीं।

सामान्यत: शैक्षणिक लक्ष्य व विशिष्ट लक्ष्य में हुई प्रगति का मूल्याकन प्रतेक तिमाही के अंत में किया जाता है ऐसा माना जाता है कि दिए गए स्तर में बच्चा अधिकतम तीन वर्ष तक रहता है।

सोर्स : NIEPID


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